प्राकृतिक गैस उत्पादन मुनाफे का सौदा नहीं, फार्मूले में बदलाव करे सरकार: ONGC

punjabkesari.in Saturday, May 27, 2017 - 04:00 PM (IST)

नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओ.एन.जी.सी.) ने कहा है कि प्राकृतिक गैस का उत्पादन करना अब फायदे का व्यवसाय नहीं रह गया है क्योंकि सरकार ने गैस मूल्य का जो फार्मूला तय किया है वह गैस की उत्पादन लागत से काफी कम है। कंपनी ने सरकार से गैस मूल्य फार्मूले में बदलाव किए जाने का आग्रह किया है। ओ.एन.जी.सी. के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक दिनेश के. सर्राफ ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान कंपनी को प्राकृतिक गैस व्यावसाय से उसकी कुल कमाई में 5,010 करोड़ रुपए और मुनाफे में 3,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

2 साल से गैस के दामों में लगातार गिरावट
सरकार ने देश में उत्पादित प्राकृतिक गैस के दाम तय करने के जिस नए फार्मूले को मंजूरी दी है उससे पिछले दो साल से गैस के दाम लगातार गिर रहे हैं। केन्द्र की भाजपा सरकार ने अक्तूबर 2014 में घरेलू गैस के लिए नया फार्मूला तय किया। यह फार्मूला अमरीका, कनाडा और रूस जैसे गैस की अधिकता वाले देशों से होने वाले निवल आयात मूल्य के हिसाब से तय किया जाता है। इस फार्मूले के अमल में आने के बाद से अब तक प्राकृतिक गैस के दाम आधे रहकर 2.48 डॉलर प्रति दस लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट रह गए हैं।

उत्पादन लागत गैस मूल्य से ज्यादा
ओ.एन.जी.सी. के कल शाम यहां आयोजित सालाना संवाददाता सम्मेलन में सर्राफ ने कहा, ‘‘प्राकृतिक गैस अब मुनाफे का कारोबार नहीं रह गया है, क्योंकि इसकी उत्पादन लागत मौजूदा गैस मूल्य के हिसाब से काफी ज्यादा है।’’ उन्होंने कहा कि देश में गैस का उत्पादन करने वालों को जो दाम दिया जा रहा है वह आयातित गैस के मूल्य का आधे से भी कम है।

प्राइसिंग फॉर्मूले की रिव्यू की मांग
ओ.एन.जी.सी. ने सरकार से गैस मूल्य फार्मूले की समीक्षा का आग्रह किया है। फार्मूले में बदलाव की उम्मीद व्यक्त करते हुए सर्राफ ने कहा, ‘‘यह मानने कि हमें कोई वजह नहीं लगती कि गैस मूल्य बढ़ाए नहीं जाएंगे।’’ ओ.एन.जी.सी. ने गैस का न्यूनतम मूल्य 4.2 डॉलर प्रति एम.एम.बी.टी.यू. रखे जाने की मांग सरकार के समक्ष रखी है। सरकार ने जब नए गैस मूल्य फार्मूले को मंजूरी दी थी तब गैस का मूल्य 4.2 डॉलर से बढ़कर 5.05 डालर प्रति एम.एम.बी.टी.यू. हो गया था लेकिन उसके बाद हर छह माह में जैसे जैसे इसमें संशोधन होता चला गया इस अप्रैल में यह घटकर 2.48 डॉलर प्रति एम.एम.बी.टी.यू. रह गया। 
   


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