मोदी सरकार के जनधन खातों की खुली पोल!

punjabkesari.in Wednesday, Sep 14, 2016 - 05:24 PM (IST)

नई दिल्लीः मोदी सरकार की जनधन योजना में काफी खामियां नजर आने लगी हैं। योजना के तहत बैंकों द्वारा ओवरड्रॉफ्ट देने की सर्विस काफी ढीली है। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार जनधन अकाऊंट के जरिए अकाऊंट होल्डर्स को कुल 289 करोड़ रुपए ही मिले है। जबकि नॉन जीरो बैंलेंस वाले 18 करोड़ अकाऊंट में करीब 42 हजार करोड़ रुपए डिपॉजिट है। ऐसे में प्रति अकाऊंट औसतन 400 रुपए की ओवरड्रॉफ्ट रकम आती है।


योजना के तहत अकाऊंट में बैलेंस होने और बेहतर रिकॉर्ड पर 5000 रुपए की ओवरड्रॉफ्ट सुविधा देने का प्रावधान है। इसके जरिए मोदी सरकार की कोशिश है कि फाइनैंशियल इन्क्लूजन से जुड़ने वाले लोगों को बैंकिंग सुविधाएं भी धीरे-धीरे बढ़ाई जाय। 


मिली जानकारी के अनुसार जिन करीब 70 लाख लोगों को ओवरड्रॉफ्ट सुविधा ऑफर की गई है। जिसमें से केवल 21.57 लाख लोग ही ओवरड्रॉफ्ट की रकम ले पाए हैं, उनको कुल 288 करोड़ रुपए का ही लोन अगस्त तक है। इस हिसाब से औसतन हर अकाऊंट होल्डर्स को केवल 1300 रुपए ओवरड्रॉफ्ट के लिए मिले हैं। जबकि जनधन स्कीम के तहत 5000 रुपए की ओवरड्रॉफ्ट सुविधा देने का प्रावधान है। इस बारे में पंजाब नैशनल बैंक (पी.एन.बी.) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ओवरड्रॉफ्ट सुविधा के तहत अकाऊंट होल्डर्स का ट्रैक रिकार्ड देखा जाता है। जनधन स्कीम में अधिकतम 5000 रुपए देने का प्रावधान है। ऐसे में जो पात्र कस्टमर होता है, उसे पूरा लोन मिलेगा।


जनधन स्कीम के तहत 18 करोड़ अकाऊंट होल्डर्स के अकाऊंट में 42 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा डिपॉजिट है। इस तरह देखा जाए, तो औसतन नॉन जीरो वाले अकाऊंट्स होल्डर्स को औसतन 400 रुपए ओवरड्रॉफ्ट के रुप में मिल रहे हैं। जबकि सरकार का वादा 5000 करोड़ रुपए था। जनधन अकाऊंट के तहत अब तक 24 करोड़ अकाऊंट खुले हैं, जिसमें से 25 फीसदी के अकाऊंट में जीरो बैंलेंस है, ऐसे में इन अकाऊंट्स पर ओवर ड्रॉफ्ट की सुविधा नहीं मिल सकती है।


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