कैश के बाद मोदी सरकार का अगला टार्गेट Gold

punjabkesari.in Friday, Nov 25, 2016 - 05:01 PM (IST)

नई दिल्लीः 500 और 1000 रुपए के बड़े नोट बंद करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अगला निशाना सोने पर हो सकता है। इस संबंध में शुक्रवार को आई रिपोर्ट में इसका अंदेशा जताया गया है। सूत्रों के अनुसार घर में सोना रखने पर सरकार जल्द सीमा तय कर सकती है। हालांकि, वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। 

नोटबंदी के बाद ज्वैलर्स ने बढ़ाई थी गोल्ड की खरीद 
सरकार द्वारा 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट पर बंद के ऐलान के बाद देश भर के ज्वैलर्स ने गोल्ड की खरीद तेज कर दी थी, जिससे कीमतें खासी तेज हो गई थींं। भारत में गोल्ड प्रीमियम दो साल के टॉप पर पहुंच गया था। ज्वैलर्स को आशंका थी कि सरकार हाई-डिनोमिनेशन के नोट सर्कुलेशन के बंद करने के बाद इंपोर्ट पर पाबंदी लगा सकती है। इसे देखते हुए ज्वैलर्स तेजी से गोल्ड की खरीद कर रहे थे। 

गोल्ड का दूसरा बड़ा खरीदार
भारत दुनिया में गोल्ड का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार है और आकलन के मुताबिक इसके सालाना 1,000 टन की मांग की एक तिहाई के लिए पेमेंट ब्लैकमनी से होता है। कालाधन नागरिकों की वह संपत्ति है जिसे सरकार की नजर से बचाकर टैक्स नहीं चुकाया जाता है। अधिकारियों ने कहा कि नोटबंदी से नकदी आधारित सोने की तस्करी बाधित हो चुकी है। नकदी की कमी और कीमतें घटने से इस तिमाही में स्क्रैप गोल्ड की आपूर्ति भी आधी रह जाने की उम्मीद है।

नोटबंदी के बाद 3 साल के टॉप पर पहुंच गए थे भाव 
सरकार के 500-1000 रुपए के नोट के इस्तेमाल पर बैन के फैसले का गोल्ड की कीमतों पर तुरंत असर दिखा था। 9 नवंबर को गोल्ड 900 रुपए चढ़कर 31,750  रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया, जो उसका 3 साल का उच्चतम स्तर था। माना जा रहा है कि नोटबंदी की मार से बचने के लिए ब्लैकमनी रखने वालों ने गोल्ड की जमकर खरीद की थी, जिससे सोने की कीमतों में तेजी आ गई थी। हालांकि सरकार की सख्ती के बाद गोल्ड की कीमतों में खासी गिरावट दर्ज की गई।  


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