टैक्सपेयर्स और कॉर्पोरेट को मिलेगी बड़ी राहत, 2 बड़े टैक्स खत्म करने की तैयारी में मोदी सरकार

punjabkesari.in Tuesday, Aug 20, 2019 - 02:54 PM (IST)

नई दिल्लीः मोदी सरकार कंपनियों और आम आदमी को बड़ी राहत देने के लिए दो बड़े टैक्स खत्म करने पर विचार कर सकती है। सीबीडीटी के सदस्य अखिलेश रंजन की अध्यक्षता वाली टास्क फोर्स ने नई डायरेक्ट टैक्स कोड पर अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सौंप दी है। यह संहिता मौजूदा आयकर कानून का स्थान लेगी। हालांकि, रिपोर्ट से जुड़े विवरणों की जानकारी अभी नहीं मिली है। खबरों के मुताबिक टास्क फोर्स ने जहां आम आदमी के लिए इनकम टैक्स की दरों और स्लैब में बड़े बदलाव की सिफारिश की है। वहीं कॉर्पोरेट के लिए डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (डीडीटी) और मिनिमम अल्टरनेटिव टैक्स (मैट) को भी पूरी तरह से हटाने की सिफारिश की है।
PunjabKesari
निर्मला सीतारमण को सौंपी रिपोर्ट
वित्त मंत्रालय ने ट्वीट में कहा, "नए डायरेक्ट टैक्स कोड का मसौदा तैयार करने के लिए सरकार की ओर से गठित टास्क फोर्स के संयोजक अखिलेश रंजन ने वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण को सोमवार को रिपोर्ट सौंप दी है।'' टास्क फोर्स को अपनी रिपोर्ट 31 मई तक जमा करनी थी लेकिन तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने काम पूरा करने के लिए टास्क फोर्स को दो महीने का और समय दिया था। इसके बाद, सरकार ने टास्क फोर्स को अपनी रिपोर्ट 16 अगस्त 2019 तक सौंपने की मंजूरी दी थी।
PunjabKesari
कॉरपोरेट टैक्स घटाने की मांग
टास्क फोर्स ने रिपोर्ट में डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (डीडीटी) को पूरी तरह से हटाने की बात कही है। जब कंपनियां डिविडेंड देती हैं 15 फीसदी डीडीटी लगता है। डीडीटी के ऊपर 12 फीसदी सरचार्ज और 3 फीसदी एजुकेशन सेस लगता है। इस तरह कुल मिलाकर डीडीटी की प्रभावी दर 20.35 फीसदी हो जाती है। इसके अलावा मैट को भी पूरी तरह से हटाने की सिफारिश की है। मौजूदा समय में कंपनी के बुक प्रॉफिट पर 18.5 फीसदी मैट लगता है। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 115जेबी के तहत मैट लगाया जाता है। टास्क फोर्स ने सभी के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर 25 फीसदी करने की सिफारिश है।
PunjabKesari
टास्क फोर्स में शामिल ये सदस्य
वित्त मंत्रालय ने पिछले साल नवंबर में अरबिंद मोदी की सेवानिवृत्ति के बाद सीबीडीटी के सदस्य अखिलेश रंजन को टास्क फोर्स का संयोजक बनाया था। टास्क फोर्स के अन्य सदस्यों में चार्टर्ड अकाउंटेंट गिरीश आहुजा, ईवाई के क्षेत्रीय प्रबंध भागीदार और चेयरमैन राजीव मेमानी, कर मामलों के अधिवक्ता मुकेश पटेल, इक्रीएर सलाहकार मांसी केडिया और सेवानिवृत आईआरएस और अधिवक्ता जी.सी. श्रीवास्तव शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सितंबर 2017 में कर अधिकारियों की वार्षिक बैठक में कहा था कि आयकर कानून 1961 काफी पुराना हो गया है। इसे नए सिरे से बनाने की आवश्यकता है।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Supreet Kaur

Recommended News

Related News