1 अप्रैल से महंगी हो जाएंगी ये दवाएं, मरीजों की जेब पर बढ़ेगा बोझ
punjabkesari.in Friday, Mar 28, 2025 - 03:23 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः अगर आप रोजाना दवाओं का सेवन करते हैं तो 1 अप्रैल से आपको झटका लगने वाला है। 1 अप्रैल से आपका दवा का खर्च बढ़ने वाला है। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने आवश्यक दवाओं की कीमतों में इजाफा करने का फैसला किया है, जिससे आम आदमी की जेब पर असर पड़ेगा।
दरअसल, सरकार ने दवाओं की कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए कई आवश्यक दवाओं को प्राइस कंट्रोल लिस्ट में शामिल किया था, जिससे मरीजों को हर साल लगभग 3,788 करोड़ रुपए की बचत होती थी। हालांकि, अब इन दवाओं की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका है, जिससे मरीजों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ सकता है।
मरीजों की जेब पर बढ़ेगा बोझ
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कैंसर, डायबिटीज, हृदय रोग और एंटीबायोटिक्स जैसी आवश्यक दवाओं की कीमतों में 1.7% तक की वृद्धि हो सकती है। यह बढ़ोतरी NPPA द्वारा तय की गई है, जो दवाओं की कीमतों को नियंत्रित करती है।
क्यों बढ़ रही हैं दवाओं की कीमतें?
NPPA के अनुसार, मुद्रास्फीति आधारित मूल्य संशोधन के तहत यह बढ़ोतरी की जा रही है। हर साल सरकार आवश्यक दवाओं की कीमतों की समीक्षा करती है और इस बार थोक मूल्य सूचकांक (WPI) में बढ़ोतरी के कारण कंपनियों को दाम बढ़ाने की अनुमति दी गई है।
किन दवाओं के दाम बढ़ेंगे?
जो दवाएं राष्ट्रीय आवश्यक औषधि सूची (NLEM) में शामिल हैं, उनकी कीमतें बढ़ेंगी। इनमें शामिल हैं:
- एंटीबायोटिक्स
- पेन किलर
- हृदय रोग की दवाएं
- डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की दवाएं
- कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं
मरीजों पर क्या होगा असर?
- बुजुर्गों और क्रॉनिक बीमारियों से जूझ रहे मरीजों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा।
- हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम में वृद्धि हो सकती है, जिससे प्रीमियम दरें बढ़ने की संभावना है।
पिछले साल भी बढ़े थे दाम
2023 में भी NPPA ने 12% तक की वृद्धि की थी, जिससे पहले से ही महंगाई से जूझ रहे लोगों को अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ा था। इस साल भी मरीजों को राहत मिलने की उम्मीद नहीं दिख रही है।