GST को आसान बनाने की उम्मीद में लुधियाना की साइकिल इंडस्ट्री

punjabkesari.in Wednesday, Jun 05, 2019 - 01:04 PM (IST)

जालंधरः पंजाब में रोजगार मुहैया करवाने वाली साइकिल इंडस्ट्री को आने वाले बजट से बड़ी उम्मीदें हैं। लुधियाना में साइकिल और इसके पुर्जों के निर्माण के छोटे-बड़े करीब 3500 यूनिट्स हैं जिनमें करीब 2 लाख लोगों को रोजगार मिलता है। यहां रोजाना करीब 50,000 साइकिलों का निर्माण होता है और इंडस्ट्री का टर्नओवर अनुमानित करीब 6000 करोड़ रुपए प्रति वर्ष है।

बाजार में पैसे की दिक्कत दूर हो 
हम यहां सामान बना रहे हैं और हमारी लागत ज्यादा है लेकिन चीन अपना सस्ता सामान श्रीलंका में डम्प कर रहा है और साफ्टा के तहत वह सामान हमारे यहां आ रहा है जिससे न सिर्फ  सरकार को नुक्सान है बल्कि इंडस्ट्री को भी भारी नुक्सान हो रहा है। इसके अलावा जी.एस.टी. के 4 की जगह 2 स्लैब किए जाएं क्योंकि 4 स्लैब होने के कारण टैक्स अदा करने में काफी समस्या हो रही है। नोटबंदी और जी.एस.टी. के प्रभाव से हालात ये हैं कि वर्किंग कैपिटल तक नहीं बच रहा क्योंकि जी.एस.टी. का रिफंड सरकार के पास फंसता है और बैंक से कर्ज लेने जाओ तो वह कर्ज देने को तैयार नहीं। इस समय बाजार में सबसे बड़ी समस्या क्रैडिट की उपलब्धता की है। बाजार में पैसा ही नहीं होगा तो कोई भी काम कैसे चल सकता है। बजट में इस समस्या का समाधान सबसे पहले किया जाना चाहिए। 

कार्पोरेट टैक्स कम किया जाए
बजट में सरकार सबसे पहले कार्पोरेट टैक्स को कम करके 25 प्रतिशत करने का अपना वायदा पूरा करे। 50 करोड़ रुपए से कम की टर्नओवर वाले यूनिट्स के लिए टैक्स कम कर दिया गया है लेकिन बड़े यूनिट्स के लिए टैक्स में बदलाव नहीं हुआ। बजट में इस पर घोषणा की जानी चाहिए। इसके अलावा डिवीडैंड पर लगाया गया टैक्स वापस लेना चाहिए। सरकार ने आयकर पर सरचार्ज अस्थायी तौर पर लगाया था लेकिन अब सरकार इसे वापस लेने का नाम नहीं ले रही। यह सरचार्ज बजट में वापस लिया जाना चाहिए। सरकार ने 2017 में आयकर की धारा 80 आई के तहत सोलर पैनल पर मिलने वाली राहत खत्म की थी, इसे दोबारा लागू किया जाए ताकि इंडस्ट्री एनर्जी के नए स्रोतों पर काम कर सके। हमें चीन का मुकाबला करने के लिए तकनीकी विस्तार की जरूरत है और इसके लिए मशीनरी चाहिए तथा मशीनरी के लिए सरकार मदद करवाए तथा इस पर सबसिडी की घोषणा की जाए। जो व्यक्ति कर अदा कर रहा है उसके लिए सोशल सिक्योरिटी फंड का गठन किया जाए ताकि किसी अनहोनी की स्थिति में सरकार उसके परिवार की मदद के लिए उस फंड से पैसा जारी कर सके।

ई-रिक्शा पर जी.एस.टी. समाप्त हो 
पर्यावरण की समस्या इस समय विश्वव्यापी बन चुकी है और देश में यह समस्या विकराल रूप धारण कर रही है। ऐसे में देश में ई-रिक्शा को प्रोत्साहित करने के लिए इस पर लगाया जी.एस.टी. बजट में समाप्त होना चाहिए। इस समय इसके पार्ट्स पर 18 प्रतिशत जी.एस.टी. है जबकि ई-रिक्शा पर 12 प्रतिशत जी.एस.टी. लगता है जिस कारण बड़ी समस्या हो रही है। इसके अलावा ई-रिक्शा को प्रोमोट करने वाले यूनिट्स को स्पैशल इन्सैंटिव्स का ऐलान करना चाहिए क्योंकि यह इंडस्ट्री पर्यावरण के खिलाफ  जंग में बड़ी भूमिका निभा रही है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

jyoti choudhary

Recommended News

Related News