Mega Merger in Banking Sector: बैंकिंग सेक्टर में बड़े बदलाव की तैयारी! छोटे बैंकों का होगा बड़े बैंकों में विलय
punjabkesari.in Wednesday, Oct 15, 2025 - 02:07 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत में पब्लिक सेक्टर के बैंकों (PSBs) में एक और विलय राउंड होने की संभावना है। सरकारी सूत्रों के अनुसार इसका मकसद बैंकों के लैंडस्केप को सुव्यवस्थित करना और मजबूत एंटिटी तैयार करना है, ताकि वे ऋण विस्तार और वित्तीय सुधारों के अगले दौर का समर्थन कर सकें।
कौन से बैंक हो सकते हैं शामिल
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस योजना के तहत इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र जैसे छोटे बैंकों का विलय पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और भारतीय स्टेट बैंक जैसे बड़े बैंकों के साथ हो सकता है। सरकार का उद्देश्य बड़े और मजबूत बैंक तैयार करना है, जिनकी बैलेंस शीट बेहतर हो और ऑपरेशंस में सुधार हो।
फाइनल रोडमैप कब तक
- वित्त वर्ष 2027 तक आंतरिक चर्चा और अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श पूरा होने की उम्मीद है।
- इस दौरान संभावित विलय में शामिल बैंकों की राय भी ली जाएगी।
- कोई औपचारिक घोषणा करने से पहले सरकारी स्तर पर आम सहमति बनाई जाएगी।
नीति आयोग का सुझाव
नीति आयोग ने पहले ही कुछ बड़े बैंक जैसे SBI, PNB, Bank of Baroda और Canara Bank को बनाए रखने की सिफारिश की थी। बाकी बैंकों को विलय, प्राइवेटाइजेशन या सरकारी हिस्सेदारी कम करने के विकल्प दिए गए थे। मौजूदा योजना इन्हीं सुझावों पर आधारित है लेकिन फिनटेक और प्राइवेट बैंकों के बढ़ते प्रभाव को ध्यान में रखते हुए इसे अपडेट किया गया है।
पहले हुए विलय
- 2017-2020 के बीच 10 पब्लिक सेक्टर बैंकों का 4 बड़े बैंकों में विलय हुआ।
- इस दौरान सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 12 रह गई।
उदाहरण के तौर पर स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और भारतीय महिला बैंक का विलय भारतीय स्टेट बैंक में हुआ। ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय पंजाब नेशनल बैंक में हुआ। सिंडिकेट बैंक का विलय केनरा बैंक में हुआ और देना बैंक तथा विजया बैंक का विलय बैंक ऑफ बड़ौदा में हुआ। सरकार अब कम लेकिन मजबूत पब्लिक सेक्टर बैंक तैयार करने की दिशा में काम कर रही है, ताकि भविष्य में वित्तीय क्षेत्र की प्रतिस्पर्धा और सुधारों को संभाला जा सके।