ITC की अलग चाल, बनाए खुद के होटल

punjabkesari.in Tuesday, Sep 06, 2016 - 02:53 PM (IST)

कोलकाताः विभिन्न कारोबारों में दखल रखने वाली अग्रणी कंपनी आई.टी.सी. ऐसे समय होटलों का निर्माण कर रही है, जबकि घरेलू आतिथ्य क्षेत्र की ज्यादातक संगठित कंपनियां एसेट लाइट बिजनैस मॉडल यानी जमीन खरीदने और इमारत का निर्माण करने के बजाय किराए पर इमारत ले रही हैं। कंपनी ने खुद के होटल निर्माण के विभिन्न चरणों में है। ये लग्जरी और फाइव-स्टार सेगमेंट के हैं। वहीं मझौले और बड़ें बाजारों में 30 स्वामित्व/प्रबंधित होटलों के निर्माण के बारे में विचार किया जा रहा है। इन 30 होटलों में कम से कम आधे कमरों का स्वामित्व आई.टी.सी. के पास होगा और इनके निर्माण की समयावधि 5 से 7 साल है।

बिल्डर द्वारा किया जा रहा होटल बनाने का काम 
इक्रा के विश्लेषक पवित्र पूनिया ने कहा, ''''इस समय मुश्किल से ही कोई संगठित कंपनी होटल संपत्ति खड़ी कर रही है। इसके बजाय वे प्रबंधन अनुबंध या टोकन इक्विटी के जरिए कम पूंजीगत खर्च का मॉडल अपना रहे हैं। इस समय होटल उद्योग में होटल बनाने का काम मुख्य रुप से एकल होटल कंपनियों या बिल्डर द्वारा किया जा रहा है।'''' 

आई.टी.सी. के मुताबिक इस क्षेत्र में सुधार का फायदा उठाने के लिए होटल संपत्ति बना रही है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ''''भारतीय बाजार के परिपक्व होने का इंतजार करने और फिर निवेश के बारे में विचार करना उपयुक्त नहीं होगा। हमें आगामी अनुमानित मांग की पूर्ति के लिए क्षमता विकसित करनी होगी। हम लंबी अवधि का नजरिया लेकर चल रहे हैं।''''

होटलों में निवेश करने के अवसर
आई.टी.सी. इस क्षेत्र में निवेश का खुलासा नहीं करना चाहती है लेकिन कंपनी के चेयरमैन वाई सी देवेश्वर ने कहा था कि होटलों में 9,000 करोड़ रुपए निवेश करने के अवसर हैं। आई.टी.सी. के होटल सेगमेंट में ज्यादातर वृद्धि देवेश्वर के समय रह थी। जब देवेश्वर ने 1996 में आई.टी.सी. के चेयरमैन का पद संभाला था, उस समय कंपनी 12 होटलों का परिचालन कर रही थी, जिनकी तादाद बढ़कर अब 100 से अधिक हो गई है। इन होटलों संपत्तियों में ब्रांड्स, आई.टी.सी. होटल्स, वेलकम होटल्स, फॉर्च्यून और वेलकम हेरिटेज आदि शामिल हैं। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ''''हमारा निवेश भारतीय अर्थव्यवस्था में हमारे भरोसे का प्रमाण है।''''


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News