Gold ETF में निवेश बढ़ा, LTCG के नए नियमों से मिलेंगे लाभ
punjabkesari.in Saturday, Sep 21, 2024 - 03:08 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः हाल के महीनों में 37,390 करोड़ रुपए के गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड) में निवेश में बढ़ोतरी की संभावना है। इसकी प्रमुख वजह है सोने के लिए सकारात्मक बाजार परिदृश्य और दीर्घावधि पूंजीगत लाभ कर (LTCG) के फायदें। यह रणनीतिक निवेश उन निवेशकों को आकर्षित कर रहा है, जो अल्पावधि के लाभ के लिए मौके की तलाश में हैं।
कर नियमों में बदलाव
हाल ही में बजट में घोषित नए कर नियमों के अनुसार, गोल्ड ईटीएफ पर एक साल में होने वाले लाभ पर 12.5% का एलटीसीजी कर लगेगा। यह कर अप्रैल 2023 में हटाए जाने के बाद अब फिर से लागू किया गया है लेकिन होल्डिंग अवधि तीन साल की बजाय काफी कम है।
पारंपरिक बाजार का आकार
निप्पॉन इंडिया म्युचुअल फंड के कमोडिटी प्रमुख विक्रम धवन ने कहा कि गोल्ड ईटीएफ में निवेश बढ़ा है लेकिन यह पारंपरिक स्वर्ण बाजार का एक छोटा हिस्सा है, जिसका आकार लगभग 3-4 लाख करोड़ रुपये है। फंडों के माध्यम से निवेश में वृद्धि और सकारात्मक बाजार परिदृश्य के चलते ईटीएफ में निवेश की संभावना बढ़ रही है।
रिटेल निवेशकों का प्रवाह
अगस्त में गोल्ड ईटीएफ में निवेश बढ़कर 1,611 करोड़ रुपए की ऊंचाई पर पहुंच गया। विशेषज्ञों का कहना है कि रिटेल निवेश का प्रवाह तेज हो सकता है, यदि सरकार सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड्स (SGB) को बंद करती है। एसजीबी, गोल्ड ईटीएफ की तुलना में ब्याज और कर छूट के साथ अधिक आकर्षक विकल्प बनते हैं।
निवेशकों के लिए सलाह
विशेषज्ञों ने निवेशकों को सलाह दी है कि वे सोने में निवेश करते समय एलटीसीजी कराधान की कम होल्डिंग अवधि से प्रभावित न हों। उन्होंने बताया कि सोने का निवेश दीर्घावधि के लिए बेहतर होता है और एक वर्ष या दो वर्ष की समय-सीमा इस परिसंपत्ति वर्ग के लिए उचित नहीं है।
एफओएफ विकल्प
ऋषभ देसाई ने कहा कि एफंड ऑफ फंड्स (एफओएफ) विकल्प भी अच्छा हो सकता है, क्योंकि ईटीएफ का कारोबार एक्सचेंजों पर होता है और इससे खुदरा निवेशकों के लिए जोखिम बढ़ सकता है। जबकि एफओएफ इस जोखिम से कम प्रभावित होते हैं।