खुदरा महंगाई घटी, RBI घटा सकता है ब्याज दर

punjabkesari.in Monday, Sep 12, 2016 - 07:06 PM (IST)

नई दिल्लीः सब्जियों, ईंधन एवं बिजली तथा परिवहन एवं दूरसंचार सेवाओं की कीमतों के अपेक्षाकृत धीमी बढ़ौतरी के कारण अगस्त में खुदरा महंगाई में आम लोगों को बड़ी राहत मिली है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले 4 महीने में लगातार बढऩे के बाद अगस्त में खुदरा महंगाई की दर घटकर 5.05 प्रतिशत पर आ गई। यह इस साल मार्च के बाद का इसका निचला स्तर है। इस साल जुलाई में खुदरा महंगाई 6.07 प्रतिशत तथा पिछले साल अगस्त में 3.74 प्रतिशत दर्ज की गई थी।  

चीनी तथा कंफेक्शनरी उत्पादों की महंगाई दर 24.75 प्रतिशत तथा दालों की 22.01 प्रतिशत पर रहने के बावजूद अगस्त में खाद्य पदार्थों की खुदरा महंगाई भी जुलाई के 8.80 प्रतिशत से घटकर 5.91 प्रतिशत पर आ गई। यह इसका भी इस साल मार्च के बाद का निचला स्तर है। खुदरा महंगाई घटने से अक्टूबर में रिजर्व बैंक के ब्याज दरों कटौती की उम्मीद बढ़ी है। अब महंगाई दर केंद्रीय बैंक के अपेक्षित स्तर के काफी करीब आ गई है। उसने अगले साल मार्च तक इसे 5 प्रतिशत के आसपास रखने का लक्ष्य तय किया था। साथ ही अच्छे मॉनसून से भी ब्याज दरों में कमी करने के लिए रास्ता साफ होगा। 

आई.आई.पी. में 2.4% की गिरावट
इस वजह से देश के कुल आई.आई.पी. में 2.4 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है। जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में आई.आई.पी. में 4.3 फीसदी का इजाफा हुआ था। वहीं जून की आई.आई.पी. ग्रोथ में बदलाव किया गया है और अब इसे 2 फीसदी कर दिया गया है जबकि पहले यह 2.1 फीसदी थी।

RBI घटा सकता है ब्याज दरें
मौद्रिक नीति की अगली समीक्षा बैठक 4 अक्तूबर को होने वाली है। ऐसे में आई.आई.पी. में गिरावट और रिटेल महंगाई में कमी से भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) पर पॉलिसी रेट्स (रेपो रेट) में कटौती का दबाव बढ़ सकता है। सैंट्रल स्‍टैटिस्टिक्‍स ऑफिस की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर में 22 इंडस्‍ट्री ग्रुप में से 12 इंडस्‍ट्री ग्रुप ने जुलाई माह में पिछले वर्ष की समान अवधि में नकारात्‍मक ग्रोथ दर्ज की है। 


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