महंगाई की मार: दिवाली तक आसमान छू सकती हैं प्याज की कीमतें, ये है बड़ी वजह

punjabkesari.in Tuesday, Oct 20, 2020 - 10:48 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः आने वाले दिनों में प्याज की कीमतें रुला सकती हैं। देश के कई हिस्सों में हो रही बेमौसम बारिश से प्याज की कीमतों पर असर देखने को मिल सकता है। अगले एक महीने में प्याज के दाम में तेजी से उछाल आने की उम्मीद है। दिवाली तक 100 रुपए प्रति किलो तक दाम उछल सकते हैं। फिलहाल, खुदरा बाजार में प्याज 40-50 रुपए प्रति किलो बिक रहा है।

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सोमवार को देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव (नासिक) में प्याज का भाव 6802 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गया। ये इस साल का सबसे ज्यादा दाम है। मंडी कारोबारियों का मानना है कि आने वाले दिनों में रिटेल मार्केट (खुदरा बाजार) में प्याज के दाम 100 रुपए के पार निकल सकता है।

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आखिर क्यों महंगा हो रहा है प्याज
अंग्रेजी के अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र के कई इलाको में भारी बारिश हो रही है। इसके चलते खेतों में प्याज की फसल बर्बाद हो गई है, जिसकी वजह से प्याज के भाव आसमान पर पहुंच रहे हैं।

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कारोबारियों का कहना है कि महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात और कर्नाटक में फसल को भारी नुकसान हुआ है। इसीलिए व्यापारियों ने भी जमाखोरी शुरू कर दी है। नई फसल फरवरी में आएगी, तब तक प्याज की कीमत कम होने के कोई संकेत नहीं है। प्याज की कीमत बढ़ने की एक वजह होटल और ढाबे शुरू होना भी है। इस वजह से भी प्याज की डिमांड बढ़ी है, जिसकी वजह से प्याज महंगा हो रहा है।

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2000 रुपए प्रति क्विंटल महंगा हुआ प्याज
बता दें 14 अक्टूबर को प्याज व्यापारियों के यहां इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाई हुई थी। इसके बाद मंडी में व्यापारी नहीं आ रहे थे यानी मंडी में कारोबार बंद हो गया था लेकिन सोमवार को जैसे ही मंडी खुली, प्याज के दाम में 2000 रुपए प्रति क्विंटल तक बढ़ गए। इसके अलावा कर्नाटक में भी हुई बिना मौसम बारिश की वजह से प्याज की आपूर्ति में कमी देखने को मिली है, जिसका सीधा असर कीमतों पर देखने को मिल रहा है।

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कब-कब होती है प्याज की खेती?

  • भारत में प्याज की खेती के तीन सीजन है 
  • पहला खरीफ, दूसरा खरीफ के बाद और तीसरा रबी सीजन 
  • खरीफ सीजन में प्याज की बुआई जुलाई अगस्त महीने में की जाती है 
  • खरीफ सीजन में बोई गई प्याज की फसल अक्टूबर दिसंबर में मार्केट में आती है
  • प्याज का दूसरे सीजन में बुआई अक्टूबर नवंबर में की जाती है। इनकी सप्लाई जनवरी-मार्च में होती है
  • प्याज की तीसरी फसल रबी फसल है 
  • दिसंबर-जनवरी में बुआई होती है और फसल की कटाई मार्च से लेकर मई तक होती है
  • एक आंकड़े के मुताबिक प्याज के कुल उत्पादन का 65 फीसदी रबी सीजन में होती है

 
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आलू के दाम में भी लग रही आग
देश में नवरात्र शुरू होते ही आलू के दाम में बेतहाशा बढ़ोतरी देखी जा रही है। नवरात्र के दौरान आम लोग फलहार में आलू का आहार ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। दिल्ली-एनसीआर सहित देश के कई हिस्सों में आलू का रेट 60 रुपए पार कर गया है। कोरोना महामारी के बीच नवरात्र पूजा शुरू होने के साथ आलू के दाम में इस तरह बढ़ोतरी से आम लोगों के जेब पर अतिरिक्त खर्च पड़ रहा है। कारोबारियों का कहना है कि मंडी में 30 रुपए किलो मिलने वाले आलू की कीमत फूटकर बाजार में 50 से 60 रुपए तक पहुंच गई है। नवरात्र के बीच में भी दाम में आगे और इजाफा होने की संभावना है।


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jyoti choudhary

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