अरविंद विरमानी बोले, चालू वित्त वर्ष में 6.5% की दर से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था

punjabkesari.in Sunday, Apr 30, 2023 - 10:41 PM (IST)

नई दिल्लीः कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बावजूद चालू वित्त वर्ष (2023-24) में भारतीय अर्थव्यवस्था करीब 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। नीति आयोग के सदस्य अरविंद विरमानी ने यह राय जताई है। विरमानी ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि अमेरिका और यूरोपीय बैंकिंग संकट का भारत के वित्तीय क्षेत्र पर कोई प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए पिछले साल में हुए सभी बदलावों के कारण मैंने 2023-24 के लिए अपने भारत के आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को आधा प्रतिशत कम कर दिया है।'' उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। यह आधा प्रतिशत ऊपर या नीचे हो सकता है। 

विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक ने हाल में अनुमान लगाया है कि खपत में कमी और चुनौतीपूर्ण बाहरी परिस्थितियों के कारण चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.3 से 6.4 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.1 प्रतिशत से घटाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया है। हालांकि, इसके बावजूद भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। भारतीय रिजर्व बैंक के लचीले मुद्रास्फीति लक्ष्य पर विरमानी ने कहा, ‘‘हमें अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरह होना चाहिए, जिसका मुद्रास्फीति लक्ष्य है, लेकिन वह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को भी ध्यान में रखता है।'' 

सरकार ने केंद्रीय बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) पर रखने का लक्ष्य दिया है। यह पूछे जाने पर कि क्या भारत उस आर्थिक सफलता को दोहरा सकता है जिसने चीन को विश्व अर्थव्यवस्था और वैश्विक शक्ति का केंद्र बनाया है, विरमानी ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि अब किसी अन्य देश को उन अनुचित व्यापार नीतियों की अनुमति दी जाएगी, जो चीन करता रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा अनुमान है कि यदि चीन ने अनुचित व्यापार नीतियां नहीं अपनाई होतीं, तो उसकी वृद्धि एक-तिहाई कम रहती।'' उन्होंने कहा कि भारत इन तरह की नीतियों के बिना ही 6.5 से सात प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल कर सकता है।  


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

jyoti choudhary

Related News