वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत के परिधान निर्यात में दो अंकों की बढ़त, वस्त्र उद्योग दिखा रहा मजबूती

punjabkesari.in Saturday, Apr 19, 2025 - 03:29 PM (IST)

नई दिल्लीः वैश्विक आर्थिक दबावों के बावजूद भारत के वस्त्र और परिधान (टेक्सटाइल और एपरल) निर्यात में वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान 6.32% की वृद्धि दर्ज की गई है। इस वृद्धि में सबसे बड़ा योगदान परिधान निर्यात का रहा, जिसमें अकेले 10.03% की शानदार बढ़ोतरी हुई है। यह जानकारी कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री (CITI) द्वारा किए गए विश्लेषण में सामने आई है।

परिधान निर्यात बना मुख्य वृद्धि चालक

CITI के चेयरमैन राकेश मेहरा ने कहा, “वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच परिधान निर्यात का मजबूत प्रदर्शन और वस्त्र क्षेत्र में स्थिर वृद्धि भारत के वस्त्र एवं परिधान उद्योग की लचीलापन, अनुकूलन क्षमता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को दर्शाती है।”

उन्होंने इस सफलता का श्रेय सरकार की व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा देने वाली नीतियों और नए व्यापार समझौतों को दिया, जिससे निर्यातकों का आत्मविश्वास बढ़ा है।

अमेरिका-चीन व्यापार तनाव बना अवसर

राकेश मेहरा ने यह भी बताया कि अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार तनाव भारत के लिए एक रणनीतिक अवसर है। “अमेरिका अब चीन से परे अपने सोर्सिंग विकल्पों में विविधता लाना चाहता है। ऐसे में भारत एक भरोसेमंद और पसंदीदा भागीदार बन सकता है। इसके लिए भारत को सक्रिय राजनयिक प्रयास और स्थिर टैरिफ नीति सुनिश्चित करनी होगी,” उन्होंने कहा।

मासिक आंकड़ों की स्थिति

  • मार्च 2025 में भारतीय वस्त्र निर्यात में 5.81% की गिरावट दर्ज की गई है, जबकि परिधान निर्यात में 3.97% की वृद्धि देखी गई।
  • मार्च '25 में वस्त्र और परिधान के कुल निर्यात में 1.63% की गिरावट आई, यदि इसे मार्च '24 से तुलना करें।
  • पूरे वित्त वर्ष (अप्रैल 2024 - मार्च 2025) में वस्त्र निर्यात में 3.61% की वृद्धि हुई, जबकि परिधान निर्यात में 10.03% की मजबूती दर्ज की गई।

यह वृद्धि कुल माल निर्यात (merchandise exports) के प्रदर्शन से कहीं बेहतर रही, जो इस दौरान लगभग स्थिर बना रहा।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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