भारत का विदेशी मुद्रा भंडार ऐतिहासिक High Level पर, $700 बिलियन के पार
punjabkesari.in Friday, Oct 04, 2024 - 05:51 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः भारत का विदेशी मुद्रा भंडार नई ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गया है। पहली बार इसने 700 बिलियन डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया है। 27 सितंबर 2024 को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 12.588 बिलियन डॉलर के उछाल के साथ 704.885 बिलियन डॉलर के लेवल पर पहुंचा गया है जो पिछले हफ्ते 692.29 बिलियन डॉलर रहा था। इस हफ्ते एफपीआई निवेश में भारी बढ़ोतरी के चलते फॉरेन करेंसी रिजर्व में बढ़ोतरी देखने को मिली है।
यह भी पढ़ेंः Share Market Crash: लगातार 5वें दिन औंधे मुंह गिरा बाजार, निवेशकों को हुआ 17 लाख करोड़ का भारी नुकसान
ऑलटाइम हाई पर विदेशी मुद्रा भंडार
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 4 अक्टूबर, 2024 को विदेशी मुद्रा भंडार का डेटा जारी किया है जिसके मुताबिक 27 सितंबर, 2024 को खत्म हुए सप्ताह में 12.588 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी के साथ 704.885 बिलियन डॉलर के लेवल पर जा पहुंचा है। फॉरेन करेंसी एसेट्स में इस अवधि में 10.46 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी आई है और ये 616.154 बिलियन डॉलर हो गया है।
यह भी पढ़ेंः Share market: शेयर बाजार में भारी गिरावट से हड़कंप, देखें चौंकाने वाले आंकड़े
गोल्ड रिजर्व में भी जोरदार उछाल
सोने के दामों में जोरदार उछाल के बाद आरबीआई के गोल्ड रिजर्व के वैल्यूएशन में बढ़ोतरी आई है और ये 2.184 बिलियन डॉलर बढ़कर 657.96 बिलियन डॉलर के लेवल पर आ गया है। SDR 308 मिलियन डॉलर की बढ़ोतरी के साथ 18.54 बिलियन डॉलर रहा है। इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड में जमा रिजर्व में हलांकि इस दौरान कमी आई है और ये 71 मिलियन डॉलर घटकर 4.38 बिलियन डॉलर रहा है।
मार्च तक 745 अरब डॉलर तक पहुंचेगा भारत का विदेशी मुद्रा भंडार
का विदेशी मुद्रा भंडार मार्च 2026 तक 745 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। बैंक ऑफ अमेरिका (BofA) ने अनुमान जताते हुए बताया कि इससे केंद्रीय बैंक को रुपए के एक्सचेंज रेट को कंट्रोल करने में ज्यादा सहूलियत होगी। BofA के एनालिस्ट राहुल बजोरिया और अभय गुप्ता ने शुक्रवार को एक नोट में लिखा कि मॉनेटरी अथॉरिटी ‘बड़े विदेशी मुद्रा भंडार रखने को लेकर सहज दिख रही है,’ क्योंकि वह आकस्मिक तौर पर आने वाले बाहरी जोखिम (contingent external risks) के खिलाफ बफर बनाना चाहती है। उन्होंने कहा कि भारत के भंडार की पर्याप्तता (India’s reserves adequacy) अन्य प्रमुख उभरते बाजारों के मुकाबले मजबूत है लेकिन बहुत ज्यादा नहीं।