भारत का Export घटा, Import में हुई बढ़ोतरी, ट्रेड डेफिसिट में भी हुआ इजाफा
punjabkesari.in Wednesday, Jan 15, 2025 - 05:55 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः देश की अर्थव्यवस्था के लिए हाल के आंकड़े अच्छे संकेत नहीं दे रहे हैं। सरकार ने एक्सपोर्ट और इंपोर्ट के आंकड़े जारी किए हैं, जो चिंता पैदा करने वाले हैं। इस डाटा की वजह से रुपए में और भी गिरावट देखने को मिल सकती है और शेयर बाजार को भी नुकसान हो सकता है। इन आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर 2024 में भारत का निर्यात 1% घटकर 38.01 अरब डॉलर रहा, जबकि इंपोर्ट 4.8% बढ़कर 59.95 अरब डॉलर हो गया। इसका परिणाम यह है कि व्यापार घाटा और बढ़ गया है, जो देश की आर्थिक स्थिति के लिए शुभ संकेत नहीं है।
निर्यात में गिरावट
हालांकि महीने के मुकाबले दिसंबर में देश के वस्तुओं के एक्सपोर्ट में इजाफा देखने को मिला हो लेकिन बीते वर्ष की समान अवधि के मुकाबले में गिरावट देखने को मिली है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश का वस्तु निर्यात दिसंबर, 2024 में सालाना आधार पर करीब एक फीसदी घटकर 38.01 अरब डॉलर रह गया। दिसंबर, 2023 में यह आंकड़ा 38.39 अरब डॉलर रहा था। अगर बात नवंबर महीने की करें तो भारत का वस्तुओं का एक्सपोर्ट 32.11 बिलियन डॉलर देखा गया था, जो नवंबर 2023 में 33.75 बिलियन डॉलर से कम था।
इंपोर्ट में भी बढ़ोतरी
वहीं दूसरी ओर इंपोर्ट की बात करें तो भारत के इंपोर्ट में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर, 2024 में इंपोर्ट सालाना आधार पर 4.8 फीसदी बढ़कर 59.95 अरब डॉलर हो गया। दिसंबर, 2023 में यह 57.15 अरब डॉलर रहा था। राहत की बात ये है कि नवंबर 2024 के मुकाबले में ये आंकड़ा काफी कम है। नवंबर के महीने में भारत का इंपोर्ट 69.95 बिलियन डॉलर देखने को मिला था, जोकि नवंबर 2023 के मुकाबले में 27.47 फीसदी ज्यादा था।
व्यापार घाटे में इजाफा
इसका मतलब है कि दिसंबर के एक्सपोर्ट और इंपोर्ट में काफी अंतर देखने को मिल रहा है। आंकड़ों के अनुसार दिसंबर के महीने में व्यापार घाटा यानी आयात व निर्यात के बीच का अंतर 21.94 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया है। मौजूदा वित्त वर्ष की बात करें तो आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-दिसंबर अवधि में निर्यात 1.6 फीसदी बढ़कर 321.71 अरब डॉलर और इंपोर्ट 5.15 फीसदी बढ़कर 532.48 अरब डॉलर रहा है। इसका मतलब है कि ट्रेड डेफिसिट मौजूदा वित्त वर्ष में 210.77 अरब डॉलर देखने को मिल रहा है।