संकट में भारत का Diamond उद्योग, कारखानें हो रहे बंद, आयात-निर्यात में भारी गिरावट

punjabkesari.in Wednesday, Sep 18, 2024 - 03:47 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत का डायमंड सेक्टर (हीरा उद्योग) गंभीर संकट का सामना कर रहा है। पिछले तीन वर्षों में हीरे के आयात और निर्यात में भारी गिरावट देखी गई है, जिसके कारण उद्योग में डिफॉल्ट, कारखानों का बंद होना और बड़े पैमाने पर नौकरियों का जाना जारी है। थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने बुधवार को यह जानकारी दी।

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कम ऑर्डर और प्रयोगशाला में उगाए गए हीरों से प्रतिस्पर्धा

प्रयोगशाला में उगाए गए हीरों की बढ़ती प्रतिस्पर्धा और अंतरराष्ट्रीय बाजारों से कम ऑर्डर मिलने के कारण भारतीय डायमंड सेक्टर में अनप्रोसेस्ड कच्चे हीरों का बड़ा भंडार जमा हो गया है। गुजरात के डायमंड हब में वित्तीय और भावनात्मक तनाव इतना बढ़ गया है कि पिछले कुछ वर्षों में 60 से अधिक लोगों ने आत्महत्या कर ली है। GTRI के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने इस संकट को दूर करने के लिए तत्काल एक्शन की जरूरत बताई है।

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आयात और निर्यात में भारी गिरावट

कच्चे हीरों का आयात

2021-22 में कच्चे हीरों का आयात 18.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जो 2023-24 में 14 बिलियन डॉलर तक गिर गया। यह 24.5 प्रतिशत की गिरावट है, जो वैश्विक बाजारों में कमजोरी और कम प्रसंस्करण आदेशों को दर्शाता है।

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कटे और पॉलिश किए गए हीरों का निर्यात

कटे और पॉलिश किए गए हीरों का निर्यात 34.6 बिलियन डॉलर से गिरकर 2024 में 13.1 बिलियन डॉलर रह गया, जो 45.3 प्रतिशत की गिरावट है। बिना बिके हीरों की हिस्सेदारी भी 35 प्रतिशत से बढ़कर 45.6 प्रतिशत हो गई। 

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उद्योग पर असर

कमजोर वैश्विक बाजार, अनप्रोसेस्ड कच्चे हीरों का भंडार और प्रतिस्पर्धा के कारण डायमंड सेक्टर में आर्थिक संकट गहराता जा रहा है। यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो यह संकट और गहरा सकता है, जिससे भारतीय डायमंड सेक्टर का भविष्य खतरे में पड़ सकता है।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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