रूस से भारत का कच्चा तेल आयात बढ़ा, तीन महीने की गिरावट पर लगा ब्रेक
punjabkesari.in Friday, Oct 17, 2025 - 04:56 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत ने अक्टूबर के पहले पखवाड़े में रूस से कच्चे तेल का आयात बढ़ा दिया है, जिससे जुलाई से सितंबर तक जारी तीन महीने की गिरावट थम गई है। व्यापार से जुड़े आंकड़ों के अनुसार, त्योहारों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए भारतीय रिफाइनरियां पूरी क्षमता से काम कर रही हैं।
तीन महीने बाद लौटी रफ्तार
जून में रूस से भारत का तेल आयात 20 लाख बैरल प्रति दिन (BPD) था, जो सितंबर में घटकर 16 लाख BPD रह गया था लेकिन अक्टूबर के शुरुआती आंकड़ों में सुधार के संकेत हैं। यूराल समेत रूसी ग्रेड के तेल की आपूर्ति में तेजी आई है, जिसे पश्चिमी देशों की घटती मांग और आकर्षक छूटों ने समर्थन दिया है।
वैश्विक विश्लेषण कंपनी केप्लर के मुताबिक, अक्टूबर में भारत का आयात करीब 18 लाख बैरल प्रतिदिन रहा, जो पिछले महीने की तुलना में लगभग 2.5 लाख बैरल ज्यादा है। हालांकि कंपनी ने कहा है कि ये आंकड़े अस्थायी हैं और आगे संशोधित हो सकते हैं।
ट्रंप के दावे पर भारत का जवाब
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी तेल आयात रोकने पर सहमति जताई है। इस पर भारत ने सफाई देते हुए कहा कि ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट किया कि “रूसी तेल भारत की ऊर्जा जरूरतों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।”
केप्लर के मुख्य शोध विश्लेषक सुमित रिटोलिया के अनुसार, ट्रंप का बयान किसी नीतिगत बदलाव की बजाय “व्यापारिक दबाव रणनीति” का हिस्सा लगता है। उन्होंने कहा कि आर्थिक और रणनीतिक दृष्टि से रूस भारत की ऊर्जा आपूर्ति का प्रमुख स्रोत बना रहेगा।
यूक्रेन युद्ध के बाद बढ़ा रूसी तेल का दायरा
फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से भारत ने रूस से कच्चे तेल की खरीद में तेजी लाई थी। पश्चिमी प्रतिबंधों और यूरोपीय देशों की कम होती मांग ने भारत को सस्ते रूसी तेल का बड़ा खरीदार बना दिया है। विश्लेषकों का मानना है कि निकट भविष्य में भारत की यह रणनीति जारी रहेगी।