इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की हालत खराब, कर्मचारियों की सैलरी देने के लिए नहीं है पैसे

punjabkesari.in Wednesday, Oct 23, 2019 - 02:12 PM (IST)

नई दिल्लीः देश में पिछले साल जोर-शोर से शुरू किया गया इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) फ्लॉप होता दिख रहा है। हालत यह है कि कारोबार न के बराबर हो जाने की वजह से बैंक अपने कर्मचारियों के लिए सैलरी की रकम भी नहीं जुटा पा रहा है। पोस्टल डिपार्टमेंट को अब लग रहा है कि आईपीपीबी की सेवाएं अव्यवहारिक हैं और उसने नई भर्तियां बंद कर दी हैं। डिपार्टमेंट आरबीआई से इसे स्मॉल फाइनैंस बैंक में बदलने की मंजूरी का इंतजार कर रहा है, ताकि वह एक लाख रुपए से अधिक की डिपॉजिट स्वीकार करने के साथ ही लोन दे सके।

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रिकैपिटलाइजेशन का इंतजार
पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया, 'हमें उम्मीद है कि अगले साल की शुरुआत तक हमें आरबीआई से अनुमति मिल जाएगी।' आईपीपीबी केंद्र सरकार से पुनर्पूंजीकरण का इंतजार कर रहा है।

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बैंक का मॉडल दोषपूर्ण
सूत्रों का कहना है कि पेमेंट बैंक का मॉडल शुरुआत से ही दोषपूर्ण था, क्योंकि प्रौद्योगिकी पर भारी रकम खर्च किया गया था। पेमेंट बैंक की कोर बैंकिंग सिस्टम (CSB) तथा इससे जुड़ी टेक्नॉलजी पर 1,000 रुपए से अधिक का खर्च किया गया। सूत्र ने कहा, 'हमें शायद इस तरह की टेक्नॉलजी की जरूरत ही नहीं थी।' कर्मचारियों पर आने वाली लागत भी बढ़ती गई और यह अनुमानित तौर पर 250 करोड़ रुपए है। आपको बता दें कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में बैंकिंग प्रणाली में बदलाव के लिए आईपीपीबी को लॉन्च किया था। आईपीपीबी को डाकघरों में स्थित 3,250 एक्सेस पॉइंट्स के अलावा, 650 शाखाओं के साथ लॉन्च किया गया था।

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रघुराम राजन की थी परिकल्पना
पेमेंट्स बैंक की परिकल्पना आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने तैयार की थी, जो डिफरेंशिएटेड बैंक्स का आइडिया लेकर आए थे। ये बैंक लोन तथा बैंकों द्वारा दी जाने वाली अन्य कई सेवाएं मुहैया नहीं कराते हैं तथा इन्हें एक लाख रुपए से अधिक की डिपॉजिट लेने की अनुमति नहीं है लेकिन ये बैंकिंग सेवाओं के देश के सुदूरवर्ती इलाकों में ले जाने में मदद कर सकते हैं।


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jyoti choudhary

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