भारत ने पेट्रोल में 10% एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल किया, 2025-26 तक 20%  का लक्ष्य

punjabkesari.in Sunday, Jun 05, 2022 - 05:59 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत ने तय समय से पांच महीने पहले पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथनॉल मिलाने का लक्ष्य हासिल कर लिया है। कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए 2025-26 तक इस आंकड़े को दोगुना करने का लक्ष्य है। गन्ने और अन्य कृषि जिंसों से निकाले गए एथनॉल को पेट्रोल में 10 प्रतिशत मिलाने का लक्ष्य नवंबर, 2022 का था लेकिन इसे जून में ही हासिल कर लिया गया। 

सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनियों - इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के जोरदार प्रयासों के चलते ऐसा हो सका। एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनियों के समन्वित प्रयासों के कारण 10 प्रतिशत सम्मिश्रण का लक्ष्य नवंबर, 2022 की लक्षित समयसीमा से बहुत पहले हासिल कर लिया गया है। विपणन कंपनियां देशभर में पेट्रोल में औसतन 10 प्रतिशत एथनॉल मिला रही हैं (10 प्रतिशत एथनॉल, 90 प्रतिशत पेट्रोल)।'' 

बयान में कहा गया कि इसके फलस्वरूप 41,500 करोड़ रुपए से अधिक की विदेशी मुद्रा की बचत हुई, ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) के उत्सर्जन में 27 लाख टन की कमी आई और किसानों को 40,600 करोड़ रुपए से अधिक का तत्काल भुगतान भी हुआ है। भारत दुनिया में अमेरिका, ब्राजील, यूरोपीय संघ और चीन के बाद एथनॉल का पांचवां सबसे बड़ा उत्पादक है। दुनियाभर में एथनॉल का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर उपभोग के लिए किया जाता है लेकिन ब्राजील और भारत जैसे देश इसे पेट्रोल में मिलाते हैं। बयान में कहा गया है कि भारत सरकार ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने, ईंधन के लिए आयात पर निर्भरता कम करने, विदेशी मुद्रा बचाने, पर्यावरणीय मुद्दों को हल करने और घरेलू कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एथनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम को बढ़ावा दे रही है। 


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Content Writer

jyoti choudhary

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