साल 2018 में दुनिया भर के टॉप अमीरों के 35,770 अरब रुपए डूबे

punjabkesari.in Monday, Dec 24, 2018 - 10:44 AM (IST)

नई दिल्लीः साल 2018 में अब कुछ दिन ही बचे हैं और इसके साथ ही बीते एक साल में हर तरह का लेखा-जोखा पेश होने लगा है। हो सकता है बीते एक साल में कई स्तर पर आपके जीवन में बदलाव आए हों लेकिन दुनिया के टॉप 500 सबसे अमीर लोगों की बात करें तो कमाई के लिहाज से बीते एक साल के लेखे-जोखे पर नजर डालें। 

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ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इस दौरान दुनिया भर के टॉप अमीरों के कुल 511 अरब डॉलर (करीब 35,770 अरब रुपए) डूब गए यानी उनकी सम्पत्ति कम हुई है। हालांकि 2018 के शुरूआती 6 महीने उनके लिए संतोषजनक रहे लेकिन साल की दूसरी छमाही में उन्हें भारी नुक्सान उठाना पड़ा है।

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2012 के बाद अमीरों की संपत्ति में सबसे अधिक गिरावट
वैश्विक स्तर पर ट्रेड वॉर का खतरा और बाजार में बिकवाली से इन अमीरों की पूंजी में भारी गिरावट आई है। इसके साथ ही ब्लूमबर्ग बिलियनेयर इंडैक्स में शुक्रवार तक दुनिया के 500 अरबपतियों की कुल संपत्ति 4.7 खरब डॉलर है। खास बात यह है कि साल 2012 के बाद अरबपतियों की कुल संपत्ति में सबसे बड़ी गिरावट आई है। साल 2012 में इन 500 अरबपतियों की कुल संपत्ति 5.6 खरब डॉलर थी। जानकारों का मानना है कि इस गिरावट का सबसे बड़ा कारण निवेश की अस्थिरता है। उनका कहना है कि इसका इशारा मंदी की तरफ तो नहीं है लेकिन वैश्विक ग्रोथ पर इसका असर जरूर पड़ेगा।

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मार्क जुकरबर्ग से लेकर जैफ बेजोस के लिए भारी पड़ा 2018
साल 2018 में सबसे अधिक कमाई करने वाले अमेजॉन के मुखिया जैफ बेजोस भी इससे अछूते नहीं रहे। सितम्बर माह में बेजोस की कुल संपत्ति 168 अरब डॉलर थी जिसमें 69 अरब डॉलर का इजाफा हुआ था। हालांकि बाद में इसमें 53 अरब डॉलर का घाटा हुआ। फिलहाल जैफ बेजोस की कुल संपत्ति 115 अरब डॉलर है। हालांकि फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग के लिए साल 2018 कुछ खास नहीं रहा। डाटा लीक प्रकरण में लगातार सवालों के घेरे में रहे मार्क जुकरबर्ग को इस साल 23 अरब डॉलर का नुक्सान हुआ है।

एशियाई अमीरों के डूबे 137 अरब डॉलर
एशियाई अमीरों की बात करें तो इनके लिए भी साल 2018 कुछ खास नहीं रहा है। एशिया के कुल 500 में से 128 अरबपतियों की कुल कमाई में करीब 137 अरब डॉलर का नुक्सान हुआ है। एशियाई अमीरों के लिए वैश्विक आर्थिक चिंता और स्टॉक वैल्यूएशन पूरे साल चिंता का सबब बना रहा। भारत और दक्षिण कोरिया समेत चीनी टैक्नोलॉजी सैक्टर में सबसे अधिक गिरावट देखने को मिली है। हालांकि बैंकिंग सैक्टर और पूंजी प्रबंधक पूरे साल एशियाई अमीरों पर मेहरबान रहे हैं।


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jyoti choudhary

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