चीन में बकाया ऋणों ने छोटे बैंकों का संकट बढ़ाया, एक सप्ताह में ही 36 बैंकों का विलय करना पड़ा

punjabkesari.in Saturday, Jul 06, 2024 - 03:21 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः अमेरिकी बैंक वर्षों तक संकट में घिरे रहे हैं। यह समस्या काफी पुरानी है। दरअसल 1980 के दशक में बेतहाशा कर्ज देने, जोखिम पर काबू में ढील और संपत्ति के बाजार में गिरावट से एक हजार से अधिक छोटे बैंक और वित्तीय संस्थान बंद हो गए या उनका किसी बड़े बैंक में विलय हो गया था। चीन के छोटे बैंक भी इस बीमारी से पीड़ित हैं। इनमें से कुछ तो बंद हो गए या कुछ दूसरे बैंकों में मिल गए हैं। 24 जून को समाप्त सप्ताह में 40 छोटे बैंकों का अस्तित्व खत्म हो गया है। चीन के बैंकिंग रेगुलेटर वर्षों से बैंकों को मजबूत बनाने के लिए विभिन्न सुधार कर रहे हैं। हालांकि, इससे ठोस नतीजे नहीं निकले हैं। 2019 के बाद मध्यम दर्जे के कई बैंक ध्वस्त हो चुके हैं। 

शक्तिशाली इन्वेस्टमेंट मैनेजर और राज्यों के कई बैंकों की स्थापना चीन के सबसे गरीब क्षेत्रों में छोटे कारोबारियों को सहारा देने के लिए हुई है। डूबत ऋणों से प्रभावित बैंक नए कर्ज नहीं दे रहे हैं। कमजोर छोटे बैंकों के कारण सामाजिक स्थिरता के लिए खतरा पैदा हो गया है। राष्ट्रपति शी जिन पिंग सामाजिक स्थिति को लेकर चिंतित हैं। 2022 में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की वजह से बैंकों ने पैसे निकालने पर रोक लगा दी थी। एक राज्य की राजधानी में जमाकर्ताओं ने सड़कों पर प्रदर्शन किए थे।

चीन ने छोटे और कमजोर बैंकों की समस्या से निपटने के लिए उन्हें बंद करने या किसी बड़े बैंक में विलीन करने का रास्ता निकाला है। स्थानीय सरकारें इसके लिए स्पेशल परपज बॉण्ड जारी करती हैं। लाओनिंग प्रांत में अभी हाल में समाप्त हुए 40 बैंकों में से 36 को लाओनिंग ग्रामीण कॉमर्शियल बैंक में मिलाया गया है। पांच अन्य बैंक ऐसा ही कर रहे हैं। कुछ अन्य बैंकों को यह काम सौंपा जा रहा है। इस विषय पर रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल का कहना है, इस प्रोजेक्ट को पूरे होने में दस साल लगेंगे। आलोचकों का कहना है, दर्जनों खराब बैंकों के विलय से केवल बड़े लेकिन कमजोर और खराब बैंक ही बनेंगे।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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