वाहन चालकों के लिए जरूरी खबर! केंद्र सरकार जल्द लागू करेगी न्यू टोल टैक्स सिस्टम

punjabkesari.in Monday, Jun 10, 2024 - 01:31 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत सरकार देश में सैटेलाइट आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन शुरू करने की योजना बना रही है। सबसे पहले इसे कॉमर्शियल वाहनों के लिए लागू किया जाएगा। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से प्राइवेट कार, जीप और वैन के लिए भी इस तकनीक को लागू किया जाएगा। इस ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) को अगले दो साल में सभी टोल कलेक्शन पॉइंट्स पर स्थापित करने की प्लानिंग चल रही है। इससे टोल प्लाजा और फास्टैग का काम समाप्त हो जाएगा।

ऐसे हो रही प्लानिंग

नई तकनीक की वजह से टोल प्लाजा पर लगने वाले जाम से मुक्ति मिलेगी। इस तकनीक के तहत उपयोगकर्ता को जितनी दूरी का सफर करना होगा, उसके हिसाब से टोल का भुगतान करना होगा। GNSS आधारित टोल सिस्टम बैरियर-फ्री इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन होगा, जिसमें वाहन के मूवमेंट को ट्रैक करके यह निर्धारित किया जाएगा कि उस वाहन ने कितने किलोमीटर की यात्रा की है।

ये होगी खासियत

मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे के तहत काम करने वाली नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने GNSS-बेस्ड इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम को भारत में लागू करने के लिए ग्लोबल कंपनियों को इनवाइट किया है। हर टोल प्लाजा में दो या उससे ज्यादा GNSS लेन होंगी, जिनमें अग्रिम रीडर होंगे जो GNSS वाहनों की पहचान करेंगे। GNSS लेन में प्रवेश करने वाले गैर-GNSS वाहनों से अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा। GNSS बेस्ड टोलिंग सिस्टम को पहले तीन महीनों में 2,000 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग पर लागू किया जाएगा। इसके बाद अगले नौ महीनों में इसे 10,000 किमी तक और 15 महीनों में 25,000 किमी टोल राजमार्गों और 50,000 किमी तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।

बता दें कि वर्तमान में भारत में फास्टैग इकोसिस्टम मौजूद है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान (RFID) तकनीक का यूज किया जाता है, जिसे 2015 में फास्टैग के रूप में पेश किया गया था।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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