IMF ने भारत में तीन पक्षीय सुधारों की वकालत की

punjabkesari.in Saturday, Oct 14, 2017 - 01:03 PM (IST)

वाशिंगटनः अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आई.एम.एफ.) ने भारत के लिए त्रिपक्षीय ढांचागत सुधार दृष्टिकोण अपनाने का सुझाव दिया है। इसमें कारपोरेट और बैंकिंग क्षेत्र को कमजोर हालत से बाहर निकालना, राजस्व संबंधी कदमों के माध्यम से वित्तीय एकीकरण को जारी रखना और श्रम एवं उत्पाद बाजार की क्षमता को बेहतर करने के सुधार शामिल हैं।

बेहतर बनाने होंगे बैंकिंग क्षेत्र के हालात
आई.एम.एफ. में एशिया प्रशांत विभाग के उप निदेशक केनेथ कांग ने कहा कि एशिया का परिदृश्य अच्छा है और यह मुश्किल सुधारों के साथ भारत को आगे ले जाने का महत्वपूर्ण अवसर है। कांग ने कहा, ‘‘ढांचागत सुधारों के मामले में तीन नीतियों को प्राथमिकता देनी चाहिए।’’ पहली प्राथमिकता कारपोरेट और बैंकिंग क्षेत्र की हालत को बेहतर करना है। इसके लिए गैर-निष्पादित आस्तियों (एन.पी.ए.) के समाधान को बढ़ाना, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी आधिक्य का पुर्निनर्माण और बैंकों की ऋण वसूली प्रणाली को बेहतर बनाना होगा। दूसरी प्राथमिकता भारत को राजस्व संबंधी कदम उठाकर अपने राजकोषीय एकीकरण की प्रक्रिया को जारी रखना चाहिए। साथ ही सब्सिडी के बोझ को भी कम करना चाहिए। तीसरी प्राथमिकता बुनियादी ढांचा अंतर को पाटने के लिए ढांचागत सुधारों की गति बनाए रखना और श्रम एवं उत्पाद बाजार की क्षमता का विस्तार होना चाहिए। साथ ही कृषि सुधारों को भी आगे बढ़ाना चाहिए।      
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News