जागरूकता की कमी से स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र की वृद्धि धीमी: इरडा प्रमुख

punjabkesari.in Friday, Aug 03, 2018 - 04:52 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) के चेयरमैन सुभाष चंद्र खुंतिया ने आज कहा कि देश में स्वास्थ्य बीमा उत्पाद महंगा होने और इसके बारे में जागरुकता की कमी के कारण इस क्षेत्र में तेजी नहीं आ पाई है। उन्होंने स्वास्थ्य बीमा उत्पादों को तार्किक तथा आसान बनाने की बात की जिससे आम आदमी इसे समझ सके।

उद्योग संगठन सीआईआई द्वारा आयोजित स्वास्थ्य बीमा सम्मेलन में खुंतिया ने कहा, ‘‘जोखिम के प्रति कम जागरूकता, स्वासथ्य बीमा उत्पादों के सस्ता नहीं होने तथा बीमा उत्पादों की कम समझ कुछ ऐसे कारण हैं जिसके चलते स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र अनुमान के मुताबिक वृद्धि नहीं कर सका है। हालांकि, उच्च आय वर्ग में इसकी वृद्धि दर काफी अधिक है।’’ उन्होंने बीमा कंपनियों से कहा कि वे मानक तथा सामान्य स्वास्थ्यी बीमा उत्पाद उपलब्ध करायें ताकि बीमाधारक इन्हें समझ सकें। खुंतिया ने कहा कि अधिकांश राज्य आयुष्मान भारत से जुडऩे के लिए तैयार हो गये हैं। कुछ राज्यों ने अभी इसके लिए सहमति नहीं दी है।

आयुष्मान भारत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी इंदू भूषण ने कहा कि 28 राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश योजना से जुड़ चुके हैं और शेष आठ ने अभी तक सहमति नहीं दी है। उन्होंने कहा कि राज्यों को योजना लागू करने में लचीलापन दिया जाएगा। सरकार की महत्वकांक्षी आयुष्मान भारत योजना के तहत 10 करोड़ लोगों को स्वास्थ्यी बीमा उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। इसका लाभ इन परिवारों के करीब 50 करोड़ लोगों को प्रापत होगा। देश में पिछले चार-पांच साल के दौरान स्वास्थ्य बीमा उद्योग की औसत 16 प्रतिशत वृद्धि हुई है। साधारण बीमा क्षेत्र में कुल प्रीमियम में 27 प्रतिशत प्रीमियम स्वास्थ्य क्षेत्र से आता है।      


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Supreet Kaur

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