''देश में कारोबार की स्थिति सुगम करने के लिए सरकार ने उठाए 7,000 कदम''

punjabkesari.in Sunday, May 21, 2017 - 06:29 PM (IST)

नई दिल्लीः देश में व्यापार सुगमता (ईज ऑफ डुइंग बिजनैस) में सुधार के लिए सरकार ने अभी तक 7,000 से अधिक कदम उठाए हैं। वाणिज्य और उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह जानकारी दी। उन्होंने साथ ही कहा कि उनका मंत्रालय देश में व्यापार के माहौल में सुधार के लिए सभी राज्यों के साथ काम कर रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'ईज ऑफ डुइंग बिजनैस के लिए करीब 7,000 छोटे, मध्यम और सूक्ष्म कदम उठाए गए हैं। हमें लगता है इसी के परिणाम स्वरूप राज्यों को अहसास हुआ कि ईज ऑफ डुइंग बिजनैस एक अहम अजेंडा है और उन्हें भी इस रूट पर जाने के फायदे दिख रहे हैं।'

ईज ऑफ डुइंग बिजनैस के लिए सरकार ने जो कदम उठाए हैं उनमें ऐप्लिकेशन क्लियरंश के लिए समय निर्धारण, कई रक्षा उत्पादों का विनिर्माण लाइसेंस रद्द करना, सिंगल विंडो क्लियरंश के लिए 'ई-बिज' की शुरूआत, एक्सपोर्ट और इम्पोर्ट के लिए जरूरी कागजों की संख्या कम करना और एक फॉर्म के जरिए सभी रिटर्न फाइल करना शामिल हैं। 

वर्ल्ड बिजनैस की हालिया ईज ऑफ डुइंग बिजनैस 2017 की रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग में कोई सुधार नहीं हुआ है। 190 देशों में भारत की रैकिंग 130 बनी हुई है। बीते साल भारत की रैंकिंग में एक पायदान का सुधार हुआ था। भारत ने अपनी रैंकिंग कम बताए जाने पर निराशा जाहिर करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा किए गए प्रयासों की ठीक से अध्ययन नहीं किया गया। यह रैंकिंग 10 पैरामीटर्स के आधार पर तय की जाती है। इसमें बिजनस शुरू करने, कंस्ट्रक्शन परमिट और क्रैडिट मिलने जैसे बिंदु शामिल होते हैं।

पिछले 3 साल में कई बड़े सुधार हुए, आगे और होंगे: निर्मला  
सीतारमण का कहना है कि केंद्र सरकार ने पिछले 3 साल में कई बड़े और संरचनात्मक सुधार किए हैं और आगे भी एकीकृत लाभ पाने के लिए प्रयास जारी रखेगी। साथ ही बचे 2 साल में भी और आर्थिक कदम उठाएगी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला ने मोदी सरकार के 3 साल पूरे होने के अवसर पर कहा, ‘‘3 साल में कई बड़े और संरचनात्क सुधार बहुत विचार-विमर्श के बाद किए गए।’’ उन्होंने कहा कि प्रशासन के हर स्तर पर सुधार किया गया। सरकार को 5 साल के लिए जनादेश मिला है और अभी 2 साल और बचे हैंं जिससे और मजबूती आएगी। निर्मला ने कहा कि ‘हमें सुधारों पर और मजबूती की जरूरत है’ और आने वाले महीनों में कई नए कदम सामने आएंगे जो आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगे। 


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