देश के आधे बजट जितना टैक्स है बकाया

punjabkesari.in Monday, Mar 26, 2018 - 09:52 AM (IST)

नई दिल्लीः देश में लोगों व कंपनियों पर 11.50 लाख करोड़ रुपए का भारी-भरकम कर बकाया है, यानी देश के सालाना बजट की 47 प्रतिशत से अधिक राशि बकाया कर के रूप में फंसी है और यह लगातार बढ़ रही है। संसद की एक समिति ने इन हालात पर चिंता जताते हुए सरकार से कहा है कि वह इस बकाए कर की जल्द वसूली के लिए उपाय करे क्योंकि ऐसा लगता है कि राजस्व विभाग बकाया कर के दुष्चक्र में फंसता जा रहा है।

वित्त संबंधी स्थायी समिति की ताजा रिपोर्ट के अनुसार इस समय 11.50 लाख करोड़ रुपए का कर बकाया है जो किसी अर्थव्यवस्था के आकार के बराबर की राशि है। उल्लेखनीय है कि 2018-19 के लिए देश का कुल बजट 24.42 लाख करोड़ रुपए का है।

94 प्रतिशत से अधिक कर की वसूली मुश्किल वाली श्रेणी में
सरकारी आंकड़ों के अनुसार कुल बकाया कर में 9,30,741 करोड़ रुपए प्रत्यक्ष कर मद में तथा 2,28,530 करोड़ रुपए अप्रत्यक्ष कर मद में बकाया हैं। समिति के अनुसार इससे भी बड़ी चिंता की बात यह है कि इसमें से ज्यादातर कर की वसूली होती नजर नहीं आ रही। आंकड़ों में प्रत्यक्ष कर मद में 94 प्रतिशत से अधिक कर की वसूली मुश्किल वाली श्रेणी में रखी गई है। वहीं अप्रत्यक्ष कर में केवल 22.84 प्रतिशत के बारे में ही स्पष्ट रूप से कहा गया है कि उसकी वसूली की जा सकती है।

वसूली के लिए बनाई जाए ठोस कार्य योजना
डा. एम. वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली इस समिति ने हालात पर ङ्क्षचता जताते हुए सरकार को सलाह दी है कि बकाए कर की वसूली के लिए कोई ठोस कार्य योजना बनाई जाए तथा समयबद्ध वसूली की रूपरेखा तैयार हो। बकाए कर की राशि हर साल बढ़ रही है जिसे देखते हुए समिति ने न्यायाधिकरणों व अदालतों में इससे जुड़े मामलों की त्वरित सुनवाई व निपटान सुनिश्चित करने की भी सलाह दी है।

वसूली नहीं हो पाने के सरकार ने गिनाए कई कारण 
प्रत्यक्ष करों की मद में बकाया की वसूली नहीं हो पाने के लिए सरकार की तरफ से कई कारण गिनाए गए हैं, इनमें करदाता का पता नहीं लग पाना, वसूली के लिए कोई संपत्ति नहीं होना अथवा अपर्याप्त संपत्ति होना, कर मांग पर अदालत, आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण, आयकर प्राधिकरण का स्थगन आदेश, कंपनी का परिसमापन प्रक्रिया में होना आदि हैं। बकाए की वसूली के लिए कई तरह के कदम उठाए गए हैं, इनमें बैंक खातों को जब्त करने, चल-अचल संपत्ति की बिक्री, नीलामी करना तथा रिकवरी सर्वे और जानबूझ कर टैक्स नहीं चुकाने पर अभियोजन की कार्रवाई शुरू की गई है। 


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