GST फर्जीवाड़ा : 200 करोड़ तक पहुंच सकता है आई.टी.सी. धांधली का आंकड़ा

punjabkesari.in Tuesday, Dec 18, 2018 - 11:44 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में खासकर धातुओं के कबाड़ के कारोबार के नाम पर वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) के इनपुट टैक्स क्रैडिट (आई.टी.सी.) का अवैध लाभ उठाने से जुड़े फर्जीवाड़े का आंकड़ा करीब 200 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है। मध्यप्रदेश के राज्य वस्तु एवं सेवा कर विभाग (एस.जी.एस.टी.) के सूत्रों ने बताया कि विभाग की डाटा अनैलिसिस इकाई को आंकड़ों की छान-बीन के दौरान पता चला कि धातु स्क्रैप के कारोबार से जुड़ी कई फर्मों ने माल की खरीदी-बिक्री दिखाते हुए जी.एस.टी. का इनपुट टैक्स क्रैडिट हासिल करने के लिए अपना दावा पेश किया लेकिन इन फर्मों ने संबंधित अवधि का जी.एस.टी. रिटर्न दाखिल नहीं किया। इस सुराग के बाद फर्जीवाड़े की सी.जी.एस.टी. की मदद से छानबीन शुरू की गई।

अधिकारियों के मुताबिक जी.एस.टी. प्रणाली लागू होने के करीब डेढ़ साल बाद सामने आई इस अंतरप्रांतीय धांधली को बोगस कारोबार, फर्जी इनवॉयस और जाली ई-वे बिलों के बूते अंजाम दिया गया। मामले की जांच से जुड़े एक आला अधिकारी ने बताया, ‘‘मामले में तीनों राज्यों की 400 से ज्यादा फर्मों का धातु स्क्रैप का 1,100 करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार हमारी जांच के घेरे में है। फिलहाल हमें संदेह है कि इस कारोबार के नाम पर किए गए फर्जीवाड़े के जरिए जी.एस.टी. के इनपुट टैक्स क्रैडिट का लगभग 200 करोड़ रुपए का अवैध लाभ उठाने की कोशिश की गई।’’

सुराग मिलने के बाद मारे छापे सुराग मिलने के बाद पिछले 4 दिनों में मध्यप्रदेश के इंदौर क्षेत्र में 17 स्थानों, भोपाल क्षेत्र में एक स्थान और जबलपुर क्षेत्र में 2 स्थानों पर छापे मारे गए। इनके अलावा, गुजरात के भावनगर क्षेत्र में 5 ठिकानों के साथ महाराष्ट्र के मुम्बई क्षेत्र में 2 परिसरों और ठाणे क्षेत्र में 5 परिसरों पर भी छापे मारे गए। विज्ञप्ति के मुताबिक शुरूआती जांच में लगभग 20 डीलरों के जी.एस.टी. प्रणाली के तहत पंजीकृत व्यावसायिक परिसर फर्जी पाए गए हैं यानी पंजीकृत पतों पर कोई भी व्यावसायिक गतिविधि नहीं हो रही थी।


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Isha

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