GST और PMLA का नहीं रहा Gold पर कोई असर, सितंबर में बढ़ा आयात

punjabkesari.in Friday, Oct 27, 2017 - 11:32 AM (IST)

नई दिल्लीः जीएसटी लागू होने, धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की अधिसूचना जारी होने, निर्यातक कंपनियों पर प्रतिबंधों और कम मौसमी मांग के सीजन के कारण पैदा हुई दिक्कतों के बावजूद सोने का आयात सितंबर तिमाही में दोगुना रहा। जीएफएमएस थॉमसन रॉयटर्स के आज जारी तीसरे तिमाही के सोने के सर्वेक्षण के मुताबिक, 'सितंबर तिमाही में सोने का आधिकारिक आयात 66 फीसदी बढ़कर 132.7 टन रहा, जो पिछले साल की इसी तिमाही में 79.8 टन था।'

एक सर्वेक्षण के मुताबिक भारत में सोने की मांग सितंबर तिमाही में 141 टन (17 फीसदी अधिक) रही, जबकि निवेश मांग 10 फीसदी बढ़कर 24.3 टन रही। इस तरह आलोच्य तिमाही में सोने की कुल मांग 165 टन रही। वैश्विक स्तर पर सोने की कुल मांग 685.6 टन रही, जो 2016 की सितंबर तिमाही की मांग 639.4 टन से 7.3 फीसदी अधिक है। सोने की कीमत 1,300 डॉलर प्रति औंस से ऊपर बनी हुई है, जिससे मांग सीमित बनी हुई है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि सितंबर में सोने की मांग का स्तर दो साल पहले की तुलना में अब भी करीब 22 फीसदी कम है।

सर्वेक्षण में सोने की मांग अगले साल अच्छी रहने का अनुमान जताया गया है। इसमें कहा गया है कि 1,300 डॉलर से नीचे आ रही कीमतें एक वाजिब गिरावट है क्योंकि कीमतें काफी ऊपर जा चुकी हैं। मेरा मानना है कि सोने ने इस साल के अंत में 1,300 डॉलर से ऊपर जाने का मजबूत आधार बना लिया है। सोने की कीमतों में 2018 में भी इजाफा होगा।  वर्ष 2018 में सोने के दाम 1,360 डॉलर के औसत और 1,450 डॉलर की ऊंचाई जाने के आसार हैं। इसकी एक वजह यह है कि अहम वैश्विक शेयर बाजारों में जोखिम बढ़ रहा है। हाल के सप्ताहों में एसऐंडपी 500, डैक्स और एफटीएसई अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गए हैं। रिपोर्टों में कहा गया है कि शेयर बाजारों में जोखिम बढऩे से कुछ निवेशक सोने में अपना निवेश बढ़ाएंगे। सोने को भू-राजनैतिक तनाव के बरकरार रहने से भी मदद मिलेगी।
 


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