सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की हिस्सेदारी बिक्री पर आगे बढ़ेगी: सीतारमण

punjabkesari.in Friday, Dec 18, 2020 - 12:32 PM (IST)

नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की उन कंपनियों के विनिवेश पर आगे बढ़ेगी, जिनकी बिक्री के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल चुकी है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का प्रवाह अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में कहीं ऊंचा है, जो देश की मजबूत वृहद आर्थिक बुनियाद, सुधारों की क्षमता को दर्शाता है। एक स्थिर सरकार भारतीय कंपनियों में दीर्घावधि का विदेशी निवेश लाने में मददगार होती है। 

सीतारमण ने इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (आईसीसी) की वार्षिक आम सभा (एजीएम) को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘महामारी के दौरान भी कुछ बड़ी कंपनियों के विनिवेश के हमारे प्रयास अच्छे से चल रहे हैं। रुचि पत्र (ईओआई) आ चुके हैं, अगला चरण चल रहा है। इस वित्त वर्ष में भी यह हो सकता है। मुझे उम्मीद है कि दीपम यह साबित करने में सफल रहेगा कि वे उन विनिवेश प्रयासों में अधिक सक्रियता से जुटे हैं जिनके लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है।'' 

सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 2.01 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है। कोविड-19 महामारी की वजह से विनिवेश कार्यक्रम पटरी से उतर गया है। इस वित्त वर्ष सरकार अब तक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में अल्पांश हिस्सेदारी बेचकर मात्र 11,006 करोड़ रुपए ही जुटा पाई है। मंत्रिमंडल 25 से अधिक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की रणनीतिक बिक्री को मंजूरी दे चका है। इन कंपनियों के प्रबंधन नियंत्रण का भी स्थानांतरण किया जाएगा। इन कंपनियों में एयर इंडिया, बीपीसीएल, पवन हंस, स्कूटर्स इंडिया, भारत अर्थ मूवर्स लि. (बीईएमएल), शिपिंग कॉरपोरेशन, सीमेंट कॉरपोरेशन और सेल के कुछ इस्पात संयंत्र शामिल हैं। 

बीपीसीएल और एयर इंडिया की बिक्री की प्रक्रिया अभी चल रही है और सरकार को दोनों कंपनियों के लिए कई रुचि पत्र मिले हैं। सीतारमण ने कहा कि सरकार ने महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए कई उपाय किए हैं, लेकिन कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यस्था को उबारने के लिए सरकार का कितना भी हस्तक्षेप पर्याप्त नहीं है। वित्त मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक खर्च जारी रहेगा विशेषरूप से बुनियादी ढांचे के मामले में। उन्होंने कहा कि सरकार ने जो कर रियायतें दी हैं उसके चलते कई सॉवरेन कोष और पेंशन कोष राष्ट्रीय संरचना पाइपलाइन (एनआईपी) की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश के इच्छुक हैं। 

सीतारमण ने कहा, ‘‘आज हम देख रहे हैं कि हमारी ओर से दी गई कर रियायतों की वजह से कई विदेशी सॉवरेन कोष और पेंशन कोष भारत आने के इच्छुक हैं। भारत में एफडीआई का प्रवाह अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में कहीं ऊंचा है।'' उन्होंने कहा, ‘‘विदेशी कोष इसलिए भारत आना चाहते हैं क्योंकि हमारी वृहद आर्थिक बुनियाद मजबूत है। हालांकि, कई चुनौतियां हैं लेकिन इससे अधिक महत्वपूर्ण यह है कि हमारे देश एक मजबूत निवार्चित सरकार है।'' वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘हमारी सरकार प्रगतिशील सुधार कर रही है। यह ऐसी सरकार है जो मजबूत फैसले लेने से हिचकिचाती नहीं है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि मंत्रिमंडल ने जिस विनिवेश एजेंडा को मंजूरी दी है वह जारी रहेगा।'' 


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jyoti choudhary

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