सरकार Infosys और अन्य कंपनियों के साथ 32,403 करोड़ रुपए के टैक्स विवाद सुलझाने को तैयार: रिपोर्ट

punjabkesari.in Thursday, Aug 22, 2024 - 05:43 PM (IST)

नई दिल्लीः सरकार इंफोसिस (Infosys) लिमिटेड और विदेशी एयरलाइंस जैसी बड़ी कंपनियों के साथ टैक्स विवादों को सुलझाने के तरीकों की तलाश कर रही है। सूत्रों के अनुसार, भारत निवेशकों की भावना को आहत किए बिना समझौता करने के लिए तैयार है। अधिकारियों ने इंफोसिस सहित उन कंपनियों के साथ समझौते के विकल्पों पर विचार करना शुरू कर दिया है, जिन्हें हाल ही में 32,403 करोड़ रुपए ($3.9 बिलियन) का बैक टैक्स नोटिस मिला था, जो 2017 से जुड़ा हुआ है।

अधिकारियों का कहना है कि कंपनी के विदेशी ऑफिसों द्वारा किए गए खर्चों पर टैक्स का भुगतान नहीं किया गया था। इंफोसिस बैंक और अन्य मल्टीनेशनल कंपनियों को आईटी सेवाएं प्रदान करती है। इस मांग के साथ ही ब्रिटिश एयरवेज सहित 10 विदेशी एयरलाइंस को भी टैक्स नोटिस भेजे गए। विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि बिना किसी पूर्व सूचना के जारी किए गए इन टैक्स नोटिसों से भारत की चीन से निवेश को आकर्षित करने की कोशिशों को नुकसान हो सकता है और यह धारणा बनी रह सकती है कि भारत में कारोबार करना अभी भी मुश्किल है। GST परिषद, जिसमें केंद्रीय और राज्य वित्त मंत्री शामिल हैं, 9 सितंबर को मीटिंग करने वाली है, जिसमें अन्य मुद्दों के साथ-साथ इन नोटिसों पर भी चर्चा होगी।

सूत्रों के अनुसार, सरकार इस मुद्दे का समाधान ढूंढ़ने पर काम कर रही है ताकि लंबे समय तक व्यापार में आसानी बनी रहे। सरकार का लक्ष्य इन विवादों को मिल-जुलकर सुलझाना और कानूनी मामलों को कम करना है। बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स अधिकारियों से कहा कि वे अपने अधिकारों का सोच-समझकर इस्तेमाल करें और स्वैच्छिक टैक्स भरने को बढ़ावा देने के लिए कानून का सहारा आखिरी विकल्प के रूप में लें। भारत का विदेशी कंपनियों के साथ टैक्स विवादों का पुराना इतिहास है, जैसे वोडाफोन ग्रुप के साथ हुआ था।

आलोचकों का कहना है कि ऐसे मामले कारोबार के माहौल को खराब करते हैं और विदेशी निवेशकों को हतोत्साहित कर सकते हैं, खासकर जब भारत को अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए विदेशी निवेश की जरूरत है। इंफोसिस ने टैक्स अधिकारियों की मांगों का विरोध किया है। अंतरराष्ट्रीय एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) ने भी इस कदम पर आपत्ति जताई है और इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाने की मांग की है।  
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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