भारतीय कंपनियों ने इस साल QIP के जरिए रिकॉर्ड ₹1.29 लाख करोड़ जुटाए गए

punjabkesari.in Saturday, Dec 21, 2024 - 01:34 PM (IST)

नई दिल्लीः इस वर्ष (2024) में 91 कंपनियों ने योग्य संस्थागत स्थानों (QIPs) के माध्यम से ₹1.29 लाख करोड़ जुटाए, जो किसी भी कैलेंडर वर्ष में अब तक की सबसे बड़ी राशि है। यह पिछले साल (2023) के मुकाबले 2.5 गुना और 2020 के मुकाबले 1.6 गुना अधिक है, जो पहले का सबसे अच्छा आंकड़ा था।

शीर्ष 10 कंपनियों का योगदान: इस वर्ष के कुल QIP जुटाए गए राशि का लगभग आधा हिस्सा शीर्ष 10 कंपनियों से आया। प्रमुख जारीकर्ताओं में वेदांता (₹8,500 करोड़), जोमैटो (₹8,500 करोड़), अदानी एनर्जी सॉल्यूशंस (₹8,373 करोड़), वरुण बेवरेजेस (₹7,500 करोड़), गोदरेज प्रॉपर्टीज (₹6,000 करोड़), PNB (5,000 करोड़), प्रेस्टिज एस्टेट्स (₹5,000 करोड़), JSW एनर्जी (₹5,000 करोड़), समवर्धन मोटर्सन (₹4,938 करोड़) और अदानी एंटरप्राइजेज (₹4,200 करोड़) शामिल हैं।

किस क्षेत्रों ने सबसे ज्यादा योगदान दिया: इस वर्ष में रियल एस्टेट, यूटिलिटीज, ऑटोमोबाइल, मेटल्स और PSU बैंक्स क्षेत्रों का दबदबा रहा, जिन्होंने मिलकर कुल QIP जारी किए गए का 57 प्रतिशत हिस्सा बनाया।

पूंजी जुटाने का तरीका: QIPs एक बुल मार्केट उत्पाद हैं और आमतौर पर कंपनियां इसका उपयोग विस्तार या कर्ज चुकाने के लिए ताजा पूंजी जुटाने के लिए करती हैं। बैंक अक्सर अपने पूंजी को मजबूत करने के लिए QIPs का उपयोग करते हैं, जबकि इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियां इसका उपयोग बढ़ते ऑर्डर बुक को फंड करने के लिए करती हैं। ऐसे स्थान कंपनियों के प्रमोटरों के बीच विस्तार, विविधीकरण और नए संयंत्र और मशीनरी स्थापित करने के लिए पूंजी जुटाने के विश्वास को भी दर्शाते हैं।

सकारात्मक रिटर्न: इस वर्ष के 91 QIPs में से दो-तिहाई स्टॉक्स ने अपने इश्यू कीमतों के मुकाबले सकारात्मक रिटर्न दिया है। इनमें से छह स्टॉक्स ने 100 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न दिया है। शीर्ष प्रदर्शन करने वाले स्टॉक्स में शाक्ती पंप्स (380 प्रतिशत), वॉकहर्ड्ट (186 प्रतिशत), अनंत राज (171 प्रतिशत), ई-मुद्रा (133 प्रतिशत) और गणेशा इकोस्फीयर (127 प्रतिशत) शामिल हैं।

कमजोर प्रदर्शन: 26 स्टॉक्स अपने इश्यू कीमतों से डिस्काउंट पर ट्रेड कर रहे हैं। प्रमुख कमजोर प्रदर्शन करने वाले स्टॉक्स में विकस लाइफकेयर (32 प्रतिशत गिरावट), वैलोर एस्टेट (30 प्रतिशत गिरावट), जोडीक एनर्जी (18 प्रतिशत गिरावट), अडानी एनर्जी (17 प्रतिशत गिरावट) और ज्यूपिटर वैगन्स (17 प्रतिशत गिरावट) शामिल हैं।


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Content Writer

jyoti choudhary

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