LTCG से सरकार ने बनाया कमाई का रिकॉर्ड, खजाने में आए 98,681 करोड़
punjabkesari.in Tuesday, Jul 30, 2024 - 06:22 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः जिस कैपिटल गेंस टैक्स (Capital Gains Tax) में इजाफे को लेकर बवाल मचा हुआ है, उसी टैक्स से सरकार ने एक साल में 98,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई की है। इस बात की जानकारी खुद वित्त राज्य मंत्री ने संसद में दी है। बजट 2024 में सरकार ने इक्विटी और इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड की यूनिट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स (LTCG) में इजाफा किया है। वहीं टैक्स में छूट में भी बढ़ौतरी की है। उसके बाद शेयर बाजार में निवेश करने वाले निवेशकों के बीच इस फैसले के प्रति काफी विरोध हो रहा है।
खास बात तो यह है कि वित्त राज्य मंत्री ने इस टैक्स को खत्म करने के सवाल पर कहा कि इसकी भविष्य में कोई प्लानिंग नहीं है। इसका मतलब है कि शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों को ज्यादा टैक्स का भुगतान करना होगा।
कमाई में 15% इजाफा
सरकार ने 2022-23 में लिस्टिड इक्विटी पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स से 98,681 करोड़ रुपए जुटाए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 15 फीसदी अधिक है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में वित्त वर्ष 2018-19 और 2022-23 के बीच LTCG टैक्स से कलैक्शन का ब्यौरा दिया। इक्विटी और इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड की यूनिट्स पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस अप्रैल 2018 से लाया गया था। इस तरह के लाभ पर 10 फीसदी कर लगाया गया था, जिसमें सालाना 1 लाख रुपए तक के लाभ पर छूट दी गई थी।
कितनी हुई कमाई
संसद में शेयर की गई डिटेल के अनुसार 2022-23 में LTCG से 98,681.34 करोड़ रुपए कलैक्ट किए गए, जो कि 2021-22 वित्तीय वर्ष में कलैक्शन के मुकाबले 86,075.49 करोड़ रुपए से 15 फीसदी अधिक है। 2020-21 में कलैक्शन लगभग 38,589 करोड़ रुपए, 2019-20 में 26,008 करोड़ रुपए और 2018-19 में 29,220 करोड़ रुपए था। इस सवाल पर कि क्या सरकार 2024-25 के दौरान इक्विटी/म्यूचुअल फंड पर LTCG टैक्स खत्म करने पर विचार कर रही है, चौधरी ने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।
बजट में बढ़ाया गया टैक्स
23 जुलाई को घोषित 2024-25 के बजट में इक्विटी और इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड पर LTCG टैक्स 10 से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया। छूट की सीमा भी पहले के 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपए कर दी गई।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स की कैलकुलेशन तब की जाती है जब इक्विटी की होल्डिंग अवधि 12 महीने से अधिक हो। इस फैसले के बाद शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी। सरकार का अनुमान है कि इससे सरकार को आने वाले दिनों में ज्यादा कमाई हो सकती है।