फीकी पड़ी सोने की चमक, मांग में कमी के बाद टूट सकता है 25 साल का रिकॉर्ड
punjabkesari.in Friday, Oct 30, 2020 - 12:52 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः त्योहारी मौसम में सोना खरीदना शुभ माना जाता है लेकिन इस साल अक्टूबर से दिसंबर तिमाही में गोल्ड की बिक्री 12 साल में सबसे कम रहने की आशंका है। कोविड-19 महामारी के कारण खासकर शहरों में लोगों की सोना खरीदने की क्षमता बुरी तरह प्रभावित हुई है।
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पिछले साल फेस्टिव सीजन में 194 टन सोना बिका था। लंदन की मेटल्स फोकस लिमिटेड में कंसल्टेंट चिराग सेठ के मुताबिक इस साल भारत में त्योहारी सीजन में सोने की बिक्री 2008 के बाद सबसे कम रहने का अनुमान है। मेटल्स फोकस लिमिटेड वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल को डेटा मुहैया कराती है।
पिछले साल जुलाई-सितंबर तिमाही की तुलना में इस साल देश में सोने की मांग में 30 फीसदी तक की गिरावट आई है। पिछले साल जहां देश में सोने की मांग 123.9 टन तक था, वो इस साल जुलाई-सितंबर के बीच घटकर 86.6 टन पर आ गया है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल द्वारा जारी एक रिपोर्ट में इस बारे में जानकारी मिलती है। कोरोना वायरस महामारी और बीते कुछ समय में सोने की कीमतों में आई तेजी इसकी सबसे बड़ी वजह मानी जा रही है।
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सोना में निवेश बढ़ा
पिछली तिमाही में देश में ज्वलेरी की कुल मांग 48 फीसदी घटकर 52.8 टन रही है। मूल्य के आधार पर देखें तो इस दौरान ज्वेलरी मांग 29 फीसदी घटकर 24,100 करोड़ रुपए रही। हालांकि, सोने के सिक्के, बार और ईटीएफ की मांग में तेजी देखने को मिली है। पिछली तिमाही के दौरान सोना में निवेश 52 फीसदी बढ़कर 33.8 टन पर पहुंच गया है। मूल्य के आधार पर सोने में निवेश की मांग 15,410 करोड़ रुपए बढ़ गई है।
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टूट सकता है पिछले 25 साल का रिकॉर्ड
अगर सोने की मांग में यह गिरावट जारी रहता है तो यह भी संभव है कि इस कैलेन्डर ईयर (CY20 - Calender Year 2020) में सोने की मांग बीते 25 साल में सबसे खराब स्तर पर पहुंच जाए। इस साल अभी तक सोने की मांग केवल 252 टन तक की है। पिछले साल यह 496 टन की थी। हालांकि, आने वाली तिमाही में कई ऐसे इवेंट्स हैं, जिसकी वजह से सोने की मांग में तेजी देखने को मिल सकती है। आर्थिक गतिविधियां अब रफ्तार पकड़ने लगी हैं। इस बीच फेस्टिवल सीजन भी शुरू हो चुका है। उसके बाद शादियों का सीजन शुरू हो जाएगा। यही कारण है कि अक्टूबर से दिसंबर के बीच सोने की मांग में तेजी की उम्मीद की जा रही है।