9 दिनों में गोल्ड इम्पोर्ट की पौबारह

punjabkesari.in Wednesday, Nov 23, 2016 - 11:39 AM (IST)

नई दिल्ली: 500 व 1000 के नोट बैन के मलाल ने ज्वैलर्स की किस्मत चमका दी क्योंकि 8 नवम्बर की मध्य रात्रि को नोट वापस लेने के बाद कई ज्वैलर्स बंद किए गए जो नोट स्वीकार करते हुए 40-60 पर्सैंट के प्रॉफिट पर गोल्ड बेच रहे थे। नोट बैन के बावजूद नवम्बर के पहले 17 दिनों में 2.8 अरब डालर का गोल्ड  इम्पोर्ट किया गया जो अपने आपमें असमान्य बात है।

नवम्बर, 2015 में 3.54 अरब डालर मूल्य के 98 टन गोल्ड का इम्पोर्ट किया गया था। जी.एफ.एम.एस. थॉमसन का अनुमान है कि 1 से 17 नवम्बर के बीच 2.8 अरब डालर का 70 टन गोल्ड का इम्पोर्ट किया गया।

अक्तूबर, 2016 में जिस दौरान फैस्टिव सीजन था, उस समय 35 अरब डालर मूल्य का 84 टन गोल्ड इम्पोर्ट हुआ। हालांकि नोट बैन के तुरंत बाद की जाने वाली गोल्ड की बिक्री शादी के सीजन की मांग को पूरा करते हुए उसका स्थान ले रही थी लेकिन नोट बैन को पैसा बनाने का अवसर समझने वाले कई ज्वैलर्स पर इंकम टैक्स डिपार्टमैंट के छापे पडऩे लगे।

काफी फैल चुकी है ब्लैकमनी लांड्रिंग
उच्च मूल्य के पुराने नोटों के बदले कितना गोल्ड बेचा गया, इस पर कोई अनुमानित आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं क्योंकि ब्लैकमनी लांड्रिंग अब काफी फैल चुकी है और यहां तक कि व्यावसायिक लोग भी इसे अपनाने लगे हैं।

हालांकि गत कुछ दिनों में गोल्ड के तेज इन्फ्लो के कारण जिन आर्डरों को डिलीवर नहीं किया गया उन्हें कैंसल माना जा रहा है। इस संबंध में जानकारी रखने वाले एक सोर्स ने बताया कि ऐसा इसलिए है क्योंकि कीमतें गत गुरुवार और शुक्रवार को और गिरी हैं।

ई-लेन देन पर छूट दे रहे ज्वैलर्स
500-1000 के नोटों पर बैन और इंकम टैक्स डिपार्टमैंट की कड़ाई ने कस्टमर्ज को हाशिए पर कर दिया है जिस वजह से ज्वैलर्स ने अपनी सेल बरकरार रखने के लिए कई तरीके अपनाए हैं। कस्टमर्ज को लुभाने के लिए ज्वैलर्स ने नोट बैन के बाद 2 दिनों तक न केवल 500 और 1000 के नोट ही स्वीकार किए बल्कि बड़े आर्डरों के लिए गहनों की निजी डिलीवरी सुविधा भी प्रदान की थी।


अब इन्होंने रियल टाइम ग्रॉस सैटलमैंट सिस्टम (आर.टी.जी.एस.) या नैशनल इलैक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एन.ई.एफ.टी.) के जरिए पैसा देने वाले कस्टमर्ज को गोल्ड ज्वैलरी की कीमत पर प्रति 10 ग्राम 280 रुपए की छूट की पेशकश देनी शुरू कर दी है। यह छूट बाजार में स्टैंडर्ड सोने के मूल्य का करीब 1 पर्सैंट बैठती है। वहीं नोट बैन के बाद पहले कुछ दिनों को छोड़ कर ज्वैलर्स ने ग्राहकों को पैसा सीधे अपने अकाऊंट्स में भेजने के लिए प्रोत्साहित करना शुरू कर दिया। पैसे के ऑनलाइन ट्रांसफर के अलावा उन्होंने ज्वैलरी की सेल के लिए चैक भी स्वीकार किए। हालांकि सोने के सिक्कों और छड़ों की कीमतों पर कोई छूट नहीं है लेकिन बढ़ती अनिश्चितता ने ज्वैलर्स की मांग को घटा दिया है।


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