जूलर्स की हड़ताल से सरकार को हुआ बड़ा फायदा

punjabkesari.in Friday, Apr 15, 2016 - 11:23 AM (IST)

कोलकाताः अप्रैल में गोल्ड इंपोर्ट पिछले वर्ष के मुकाबले 41 फीसदी कम रहने का अनुमान है। इससे केंद्र सरकार को चालू खाता घाटे को नियंत्रण में रखने में मदद मिलेगी। देश के अधिकतर जूलर्स ने एक मार्च से जारी अपनी हड़ताल वापस ले ली है और उनके पास गोल्ड की काफी इनवेंटरी मौजूद है, जिससे इस कीमती धातु का इंपोर्ट करने की जरूरत कम होगी। भारत ने अप्रैल 2015 में 85 टन गोल्ड का इंपोर्ट किया था।

 

ऑल इंडिया जेम एंड जूलरी ट्रेड फेडरेशन के डायरेक्टर बछराज बामलवा ने बताया, ''गोल्ड का इंपोर्ट इस महीने 50 टन को पार कर सकता है। दुकानें 42 दिनों तक बंद रही हैं और इनमें से 12 दिन अप्रैल के महीने में हैं। इस वजह से इंपोर्ट कम होगा।'' इसके अलावा देश के सभी जूलर्स ने अपनी दुकानें नहीं खोली हैं और इस वजह से बुलियन की डिमांड अभी बहुत अधिक नहीं है। बामलवा ने कहा, ''रिटेल चेन्स खुल गई हैं लेकिन कुछ लोकल जूलर्स और होलसेलर्स ने अभी तक कारोबार शुरू नहीं किया है।'' 

 

हड़ताल की वजह से मार्च में भी गोल्ड के इंपोर्ट पर असर पड़ा है। मार्च 2015 में देश में 125 टन गोल्ड का इंपोर्ट हुआ था लेकिन मार्च 2016 में यह वॉल्यूम घटकर केवल 18 टन रह गई। इंडिया बुलियन एंड जूलर्स एसोसिएशन के एक पदाधिकारी ने कहा, ''जूलर्स के पास अपने स्टॉक भी मौजूद हैं, जिसे वे पहले निकालना चाहते हैं।'' ग्लोबल प्राइसेज पर गोल्ड में डिस्काऊंट गिर रहे हैं क्योंकि कुछ जूलर्स अब अक्षय तृतीया के मौके लिए अपनी दुकानें खोलने के बाद स्टॉक जमा कर रहे हैं। अक्षय तृतीया को गोल्ड खरीदने के लिए शुभ दिन माना जाना है।

 

ऑफिशियल मार्कीट में डीलर्स गोल्ड पर 20 डॉलर प्रति औंस तक का डिस्काऊंट दे रहे हैं और ग्रे मार्कीट में डिस्काऊंट 35 डॉलर प्रति औंस के करीब है। 42 दिन की हड़ताल के बाद जूलर्स की दुकानें खुलने के बाद पिछले दो दिनों में गोल्ड के प्राइसेज नीचे आए हैं। दुनिया में भारत गोल्ड का सबसे बड़ा कंज्यूमर है। देश में गोल्ड की सालाना खपत 950-1,000 टन के करीब है। गोल्ड की खपत के लिहाज से चीन दूसरे स्थान पर है। 


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