Why Gold Silver Price Crash: क्यों गिरे सोने-चांदी के दाम, रिकॉर्ड हाई से इतना टूट चुका है गोल्ड-सिल्वर
punjabkesari.in Tuesday, Oct 28, 2025 - 04:39 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः कई महीनों की जोरदार तेजी के बाद अब सोने और चांदी की चमक फीकी पड़ने लगी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड अपने रिकॉर्ड हाई से करीब 11% और सिल्वर 16% से ज्यादा टूट चुकी है। भारत में भी इन दोनों कीमती धातुओं के दामों में गिरावट जारी है।
क्यों गिर रहे हैं सोना-चांदी के दाम
1. सेफ-हेवन की मांग घटी
अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव कम होने से निवेशक अब जोखिम वाले एसेट्स जैसे शेयर बाजार और बॉन्ड्स की ओर लौट रहे हैं। इससे गोल्ड और सिल्वर जैसी सुरक्षित निवेशों से पूंजी निकल रही है।
2. डॉलर की मजबूती
फेडरल रिजर्व की पॉलिसी मीटिंग से पहले अमेरिकी डॉलर मजबूत हुआ है। डॉलर के मजबूत होने पर गोल्ड और सिल्वर अन्य मुद्राओं में महंगे हो जाते हैं, जिससे वैश्विक डिमांड घटती है।
3. मुनाफावसूली
बीते कुछ महीनों में गोल्ड और सिल्वर ने रिकॉर्ड तोड़ रिटर्न दिया था। अब निवेशक मुनाफा निकाल रहे हैं, जिससे कीमतों पर दबाव बना है।
4. औद्योगिक मांग में गिरावट
चांदी की मांग इलेक्ट्रॉनिक्स और सोलर सेक्टर से कम हो रही है। कमजोर औद्योगिक ऑर्डर्स की वजह से इसकी कीमतों में और गिरावट आई है।
शेयर बाजार में तेजी से गोल्ड की चमक फीकी
दुनियाभर के शेयर बाजारों में तेजी दिख रही है। जापान का निक्केई 50,000 के पार, अमेरिका और यूरोप के इंडेक्स रिकॉर्ड हाई पर हैं। वहीं, OPEC द्वारा प्रोडक्शन बढ़ाने की योजना के चलते ऑयल प्राइस फिसले हैं। ऐसे माहौल में निवेशकों के पास गोल्ड और सिल्वर जैसे नॉन-यील्डिंग एसेट्स रखने का कम कारण बचा है।
यही वजह है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड का दाम एक बार फिर $3,900 प्रति औंस के नीचे आ गए हैं। वहीं, चांदी भी $46 प्रति औंस के नीचे फिसल गई है। सोना अपने पीक पर $4,381 तक पहुंच गया था। वहीं, चांदी ने $54 का लेवल टच किया था। इस हिसाब से गोल्ड में 11% और चांदी में 16% से ज्यादा गिरावट आई है।
भारतीय बाजार में असर
- 24 कैरेट गोल्ड ₹1.18 लाख प्रति 10 ग्राम के आसपास चल रहा है।
- सिल्वर ₹1.40 लाख प्रति किलो तक आ गई है।
IBJA की वाइस प्रेसिडेंट अक्षा कंबोज ने कहा, “सोना फिलहाल सतर्क ट्रेंड में है लेकिन सेफ-हेवन एसेट के रूप में इसकी अहमियत बनी हुई है। गिरावट पर खरीदारी लंबी अवधि के निवेशकों के लिए फायदेमंद रह सकती है।”
