Freight Corridors ने भारत के GDP में 16,000 करोड़ रुपए का योगदान दिया

punjabkesari.in Friday, Oct 25, 2024 - 01:28 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः एक हालिया अध्ययन ने खुलासा हुआ है कि भारत के समर्पित माल गलियारे (Dedicated Freight Corridors - DFCs) देश की आर्थिक गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और इनका कुल योगदान 16,000 करोड़ रुपए के आसपास है। यह अध्ययन ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय द्वारा किया गया है।

माल ढुलाई की लागत में कमी: पश्चिमी DFC (WDFC) की परिचालन शुरू होने के बाद, माल ढुलाई की लागत और यात्रा के समय में कमी आई है, जिससे वस्तुओं की कीमतों में 0.5% तक कमी हुई है।

राजस्व वृद्धि में योगदान: अध्ययन के अनुसार, DFC ने FY 2022-23 और FY 2018-19 के बीच भारतीय रेलवे के राजस्व में 2.94% का योगदान दिया है। वर्तमान में भारतीय रेलवे पर 10% से अधिक माल DFC द्वारा संभाला जा रहा है।

आर्थिक लाभ: DFC के परिचय ने राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव डाला है, विशेषकर उन पश्चिमी क्षेत्रों में जहां DFC का सीधा प्रभाव है। दूरदराज के क्षेत्रों ने भी परिवहन लागत में कमी के परिणामस्वरूप आर्थिक लाभ अनुभव किया है।

सामाजिक समानता का प्रभाव: अध्ययन ने "सामाजिक समानता का प्रभाव" भी बताया है, जिसमें निम्न प्रति व्यक्ति GDP वाले राज्यों को अधिकांश लाभ प्राप्त हुए हैं।

DFC प्रोजेक्ट का विवरण

लंबाई: यह 2,843 किलोमीटर लंबा प्रोजेक्ट 56 जिलों से होकर गुजरता है और अक्टूबर 2024 तक 96.4% पूरा हो चुका है।

पूर्वी और पश्चिमी DFC

पूर्वी DFC (EDFC) का मार्ग लुधियाना से सोननगर तक है और यह 1,337 किलोमीटर लंबा है।
पश्चिमी DFC (WDFC) का मार्ग दादरी से मुंबई तक है और यह 1,506 किलोमीटर लंबा है।
प्रगति: EDFC 100% पूरा और संचालन में है, जबकि WDFC 93.2% पूरा हो चुका है। दोनों गलियारों में विभिन्न उद्योगों के लिए फीडर रूट भी हैं।

ट्रेन संचालन: वर्तमान में, माल गलियारों पर औसतन 325 ट्रेनें प्रतिदिन चल रही हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 60% अधिक हैं।

यह अध्ययन प्रदर्शित करता है कि DFC का प्रभाव न केवल आर्थिक ग्रोथ में होता है, बल्कि यह विभिन्न सामाजिक स्तरों पर बेहतर जीवन यापन की संभावनाओं को भी बढ़ाता है।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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