SEBI की पूर्व चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच को बड़ी राहत, Hindenburg रिपोर्ट से जुड़े सभी आरोप खारिज
punjabkesari.in Thursday, May 29, 2025 - 10:55 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः सेबी की पूर्व प्रमुख माधबी पुरी बुच को लेकर लगाए गए सभी आरोपों को भारत के लोकपाल ने खारिज कर दिया है। लोकपाल ने स्पष्ट किया कि हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के आधार पर बुच पर जो भी आरोप लगे थे, वे सिर्फ 'अनुमानों और धारणाओं' पर आधारित थे, जिनके समर्थन में कोई भी ठोस या सत्यापन योग्य साक्ष्य नहीं मिला।
जस्टिस ए.एम. खानविलकर की अध्यक्षता में छह सदस्यीय पीठ ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि शिकायतें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत जांच योग्य नहीं थीं और कानूनी रूप से जांच शुरू करने की कोई पर्याप्त वजह नहीं बनती।
क्या थे आरोप?
हिंडनबर्ग रिपोर्ट में बुच और उनके पति धवल बुच से जुड़े कुछ कथित वित्तीय लेन-देन और हितों के टकराव के आरोप सामने आए थे। इनमें अडानी समूह से जुड़ी कंपनियों में निवेश, महिंद्रा एंड महिंद्रा और ब्लैकस्टोन जैसी कंपनियों से कथित 'क्विड प्रो क्वो' डील के आरोप, वोकहार्ट से किराए की आय और आईसीआईसीआई बैंक के ईएसओपी से लाभ जैसे मुद्दे शामिल थे।
लोकपाल ने क्या कहा?
लोकपाल ने पाया कि ये सभी आरोप अनुमान और संदेह पर आधारित थे। शिकायतों में कोई ऐसा साक्ष्य नहीं था जिससे भ्रष्टाचार के तत्व सिद्ध होते। लोकपाल ने कहा कि इस आधार पर जांच का आदेश देना संभव नहीं है और सभी शिकायतों को बंद कर दिया गया है।
बुच को मिली क्लीन चिट
इस निर्णय से माधबी पुरी बुच को बड़ी राहत मिली है। लोकपाल का यह फैसला न केवल उन्हें आरोपों से मुक्त करता है, बल्कि उनके सार्वजनिक जीवन की छवि को भी स्पष्ट रूप से सुरक्षित करता है।