Indigo Crisis: फ्लाइट कैंसिलेशन से IndiGo की बैलेंस शीट डगमगाई, 1,800 करोड़ का नुकसान
punjabkesari.in Friday, Dec 12, 2025 - 11:51 AM (IST)
बिजनेस डेस्कः एयरलाइन कंपनी इंडिगो के लिए वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही मुश्किल भरी रहने वाली है। लगातार फ्लाइट कैंसिलेशन के चलते कंपनी को अब तक करीब 1,800 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है और यह आंकड़ा बढ़ने की आशंका है। इससे कंपनी की Q3 बैलेंस शीट पर बड़ा असर पड़ने वाला है।
शुरुआती चरण में ही इंडिगो को 900 करोड़ रुपए से अधिक का रेवेन्यू लॉस हुआ क्योंकि 9 दिसंबर तक कैंसिल हुई उड़ानों का किराया वापस करना पड़ा। अब अगर नियामक एजेंसियां कैंसिलेशन के लिए मुआवजा भुगतान का निर्देश देती हैं, तो वित्तीय बोझ और बढ़ जाएगा।
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9 दिनों में 8.86 लाख PNR कैंसिल
कंपनी की ताज़ा जानकारी के अनुसार, 1 से 9 दिसंबर के बीच 8.86 लाख PNR कैंसिल किए गए। एविएशन मिनिस्ट्री के पैसेंजर चार्टर के मुताबिक, यदि फ्लाइट 2 घंटे से अधिक की देरी या कैंसिल होती है और यात्रियों को 24 घंटे पहले जानकारी नहीं दी जाती, तो एयरलाइन को ₹10,000 या “बेसिक किराया + फ्यूल चार्ज” (जो कम हो) के बराबर मुआवजा देना होगा।
चार्टर के नियमों के आधार पर, IndiGo पर 9 दिसंबर तक लगभग ₹886 करोड़ का मुआवजा भुगतान बनता है। यदि रिफंड के साथ-साथ यह कंपनसेशन भी देना पड़ा, तो कंपनी का वित्तीय बोझ काफी बढ़ सकता है।
प्रभावित यात्रियों को ₹10,000 का ट्रैवल वाउचर
ऑपरेशनल स्थिति धीरे-धीरे सुधारने के साथ इंडिगो ने कहा है कि 3 से 5 दिसंबर के बीच कैंसिल या लंबी देरी से प्रभावित यात्रियों को ₹10,000 का ट्रैवल वाउचर दिया जाएगा। यह वाउचर अगले 12 महीनों के भीतर किसी भी उड़ान की बुकिंग में इस्तेमाल किया जा सकेगा।
कंपनी ने स्पष्ट किया कि यह वाउचर सरकारी गाइडलाइंस के तहत तय मुआवजे के अतिरिक्त है। मौजूदा नियमों के अनुसार, 24 घंटे के भीतर कैंसिल हुई उड़ानों के लिए यात्रियों को ₹5,000 से ₹10,000 तक का भुगतान करना होता है।
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बड़े स्तर पर हुए कैंसिलेशन के कारण हजारों यात्रियों पर इसका असर पड़ा है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि मुआवजे का लाभ कितने यात्रियों तक पहुंचेगा।
