भारत में अब हर बिजली के खंभे और बस स्टैंड को 5G करियर के लिए किया जाएगा यूज
punjabkesari.in Tuesday, Sep 13, 2022 - 03:07 PM (IST)

नई दिल्ली: भारत में बहुत जल्द टेलीकॉम कंपनियां 5G सेवा लांच करने की तैयारी में है। देश में 5G मोबाइल सर्विस का ट्रायल हो गया है जिसके बाद अब भारत देश भर में 5G नेटवर्क को रोल आउट करने के लिए तैयार है। भारत में आबादी और क्षेत्रफल के हिसाब से पूरे देश में 5G नेटवर्क पहुंचाना काफी कठिन प्रोजेक्ट है, जिसके लिए कंपनियों की योजना बिजली के खंभे, ट्रैफिक लाइट, बस टर्मिनल और बस शेल्टर के साथ केंद्र/राज्य सरकार की कंपनी या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम पर भी टावर लगाने का प्लान तैयार है।
बता दें कि इसके लिए उत्तर प्रदेश और गुजरात में प्रक्रिया को लगभग पूरा कर लिया है, जबकि केंद्र कई अन्य राज्यों को फिनिशिंग लाइन पर जाने के लिए कह रहा है। इस मामले से जुड़े अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। भारत सरकार की टीम गति शक्ति इस योजना पर अमल करने की कोशिश कर रही है.
टीम गति शक्ति उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के रसद विभाग की टीम गति शक्ति ने हाल ही में सभी राज्यों को एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया है, जिसमें उनसे कहा गया है कि वह आम लोगों को 5G नेटवर्क उपलब्ध कराने के वैकल्पिक उपाय के बारे में जानकारी दें। इसमें बिजली के खंभे, ट्रैफिक लाइट, बस टर्मिनल/शेल्टर, सरकारी बिल्डिंग आदि की जानकारी भी शामिल है।
भारत का 5G रोलआउट के लिए स्मॉल सेल्स टेक्नोलॉजी पर पूरा फोकस है। छोटे सेल पोर्टेबल, कम शक्ति वाले रेडियो एक्सेस नोड या बेस स्टेशन होते हैं जिनकी कवरेज कुछ मीटर से लेकर कुछ 100 मीटर तक होती है। बता दें कि स्मॉल सेल कहीं भी ले जाए जा सकते हैं, कम पावर का रेडियो स्टेशन होता है जो आसपास के इलाकों में नेटवर्क का अच्छा कवरेज दे सकता है।स्मॉल सेल को बड़े पैमाने पर इंस्टॉल करने की जरूरत होगी।
स्माल सेल के पोर्टेबल होने के साथ इसमें बिजली की खपत कम होगी और देश के लोगों को व्यापक नेटवर्क कवरेज उपलब्ध कराने में इससे काफी मदद मिलेगी।
इसके अलावा भारत सरकार देश में 5जी इंटरनेट का घनत्व बढ़ाना चाहती है ताकि बिजली के खंभे, सरकारी बिल्डिंग और इस तरह के अन्य स्थान पर स्मॉल सेल टेक्नोलॉजी की मदद से 5G रोलआउट किया जा सके।