वेतनवृद्धि, अन्य मांगों को लेकर सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के कर्मचाहियों ने की हड़ताल
punjabkesari.in Saturday, Jul 16, 2022 - 01:45 PM (IST)
नई दिल्लीः सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के कर्मचारियों और अधिकारियों ने वेतन वृद्धि के साथ कुछ अन्य मांगों को लेकर शुक्रवार को देश भर में एक दिवसीय हड़ताल आयोजित की। इन बीमा कंपनियों के कर्मचारी संगठन संयुक्त मोर्चा के उत्तरी क्षेत्र के संयोजक त्रिलोक सिंह ने इस हड़ताल के बेहद सफल होने का दावा करते हुए कहा, ‘‘हमारे सार्वजनिक क्षेत्र के बीमा कंपनियों में काम करने वाले लगभग 50,000 कर्मचारियों और अधिकारियों का वेतनमान संशोधन एक अगस्त 2017 से लंबित है।"
त्रिलोक सिंह ने कहा, ‘‘सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के प्रबंधन ने 22 जून 2022 को हुई बैठक में वेतनमान में मामूली वृद्धि की पेशकश की थी जिसे सभी संगठनों ने एक सिरे से खारिज कर दिया था और बीमा क्षेत्र में एकरूपता बनाए रखते हुए भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के बराबर वेतन वृद्धि की मांग की थी। कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चे जेएफटीयू ने 11 जुलाई, 2022 को हड़ताल का आह्वान किया था लेकिन वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के समक्ष विचाराधीन वेतनमान प्रस्ताव को देखते हुए हड़ताल को 15 जुलाई 2022 तक के लिए टाल दिया गया था।''
उन्होंने कहा, "चूंकि प्रबंधन और डीएफएस हमारे सामने कोई ठोस प्रस्ताव रखने में विफल रहा इसलिए कर्मचारी संगठनों के संयुक्त मोर्चे के पास 15 जुलाई, 2022 को सार्वजनिक क्षेत्र की सभी साधारण बीमा कंपनियों में एकदिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।" कर्मचारी संगठनों के संयुक्त मोर्चे की अन्य मांगों में नयी पेंशन योजना (एनपीएस) के लिए कंपनी द्वारा दिए जाने वाले योगदान में 14 प्रतिशत की वृद्धि करना, बिना किसी सीमा के पारिवारिक पेंशन में 30 प्रतिशत की वृद्धि करना, वर्ष 1995 की पेंशन योजना सभी के लिए सुलभ बनाना और पेंशन को अद्यतन करना शामिल है।
संयुक्त मोर्चे ने निजीकरण का विरोध करते हुए सार्वजनिक उपक्रम बीमा कंपनियों के विलय की मांग भी की है। संयुक्त कर्मचारी मोर्चा के संयोजक ने कहा कि शुक्रवार को आंदोलन की समीक्षा बैठक हुई जिसमें यह तय किया गया कि अगर उनकी बहुप्रतीक्षित मांगों पर जल्द पहल नहीं की गई तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जा सकते हैं।