प्याज किसानों को दोहरा झटका, पहले गर्मी ने सताया अब बारिश ने किया बर्बाद, बढ़ सकते हैं दाम

punjabkesari.in Monday, May 26, 2025 - 01:20 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः महाराष्ट्र के प्रमुख प्याज उत्पादक जिलों- नासिक, पुणे, कोंकण, कोल्हापुर, छत्रपति संभाजीनगर, लातूर, अमरावती और नागपुर में 6 मई से लगातार हो रही बेमौसम बारिश ने रबी सीजन की प्याज फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। इससे राज्य में प्याज की आपूर्ति घटने और कीमतों में तेजी आने की आशंका है।

प्याज की फसल कटाई के समय आई इस बारिश से खुले खेतों में रखी प्याज की फसलें और जो फसलें अभी तक काटी नहीं गई थीं, दोनों प्रभावित हुई हैं। इससे किसानों को दोहरी मार पड़ी है- पहले अत्यधिक गर्मी और अब बारिश ने उत्पादन घटा दिया है। प्याज उत्पादकों का कहना है कि जिन किसानों ने मार्च में ही फसल काट ली थी, वे नुकसान से बच गए, जबकि अप्रैल-मई तक इंतजार करने वालों की फसल बर्बाद हो गई।

धुले, अहिल्यानगर, सोलापुर, बीड, धाराशिव, अकोला, जालना, बुलढाणा और जलगांव के किसानों ने भी नुकसान की पुष्टि की है। महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक किसान संघ के अध्यक्ष भरत दिघोले ने बताया कि पहले से ही प्याज की कीमतें गिरावट में थीं और अब बारिश के कारण किसानों को और घाटा हो रहा है। बेमौसम बारिश के कारण प्याज की सप्लाई चेन बाधित हो गई है, जिससे आने वाले हफ्तों में बाजार में प्याज की उपलब्धता घट सकती है और खुदरा कीमतों में उछाल आ सकता है।

20 मई तक लासलगांव मंडी में प्याज की औसत थोक कीमत ₹1,150 प्रति क्विंटल दर्ज की गई लेकिन हालिया बेमौसम बारिश और फसल को हुए नुकसान के चलते आने वाले दिनों में बाजार में प्याज की आवक घटने की आशंका है, जिससे थोक कीमतों पर दबाव बढ़ सकता है।

वित्त वर्ष 2024-25 में महाराष्ट्र में कुल 6,51,965 हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज की खेती की गई, जो 2023-24 के 4,64,884 हेक्टेयर और 2022-23 के 5,53,212 हेक्टेयर की तुलना में काफी अधिक है। इस बार अकेले नासिक जिले में ही 2,90,136 हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज बोया गया है। निर्यात के मोर्चे पर, केंद्र सरकार द्वारा 2019 से बार-बार लगाए गए निर्यात प्रतिबंधों के बावजूद भारत ने निर्यात में स्थिरता बनाए रखी है। महाराष्ट्र आज भी देश का प्रमुख प्याज उत्पादक और निर्यातक राज्य बना हुआ है।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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