GST दरें घटने के बावजूद मकान सस्ता नहीं होने की चेतावनी दे रहे हैं डिवेलपर्स
punjabkesari.in Friday, Mar 15, 2019 - 11:59 AM (IST)
नई दिल्लीः अंडर-कंस्ट्रक्शन मकानों पर जीएसटी की दरों में भारी कटौती के बावजूद इनकी कीमतों में बहुत ज्यादा गिरावट की उम्मीद नहीं की जा रही है। इनपुट टैक्स क्रेडिट से वंचित रियल एस्टेट सेक्टर ने जहां सीमेंट और स्टील जैसे इनपुट मटीरियल पर जीएसटी की ऊंची दरों पर चिंता जताई है।
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री की ओर से रियल एस्टेट में इनपुट क्रेडिट की विसंगतियों पर गुरुवार को आयोजित एक कॉन्फ्रेंस में इंडस्ट्री ने शीर्ष अधिकारियों से कहा कि अगर ये मुद्दे हल नहीं हुए, तो आम ग्राहक को सस्ते मकान दिलाने की कोशिशें रंग नहीं लाएंगी। काउंसिल की पिछली बैठक में अंडर-कंस्ट्रक्शन मकानों पर जीएसटी दरें बिना क्रेडिट के 5 फीसदी और अफोर्डेबल हाउसिंग पर 1 फीसदी कर दी गईं थीं यानी कच्चे माल की खरीद पर चुकाए गए टैक्स का क्रेडिट नहीं मिलेगा।
इनपुट क्रेडिट की मांग
उद्योग के प्रतिनिधियों ने कहा कि लागत के सबसे बड़े हिस्से सीमेंट पर जीएसटी रेट 28 फीसदी है। अगर क्रेडिट नहीं मिलेगा तो बिल्डर इसका बोझ ग्राहक पर डालेंगे। मेट्रो और नॉन-मेट्रो शहरों के लिए अफोर्डेबल हाउसिंग की डेफिनिशन पर भी सवाल उठाए गए और कहा गया कि दिल्ली-मुंबई में 45 लाख में 60 वर्गमीटर तक मकान देना मुश्किल है।
कैरी फॉरवर्ड हो इनपुट क्रेडिट: इंडस्ट्री
पीएचडी चैंबर की इनडायरेक्ट टैक्स कमिटी के चेयरमैन बिमल जैन ने कहा, 'एक चुनौती यह भी है कि बिल्डर के पास अब तक जो इनपुट क्रेडिट उपलब्ध है, वह 1 अप्रैल को लैप्स हो जाएगा, जबकि इंडस्ट्री चाहती है कि इसे कैरी फॉरवर्ड करने की छूट मिले। जो बिल्डर रेजिडेंशल के साथ कमर्शल कंस्ट्रक्शन भी करते हैं, उनके लिए कई बुक्स और अकाउंट मेंटेन करने की जटिलता आ जाएगी, क्योंकि एक मकान पर आईटीसी मिलेगा और दूसरे पर नहीं। जो अनसोल्ड इन्वेंटरी रह जाएगी, उस पर कैसे अजस्ट करेंगे।' उन्होंने कहा कि ट्रांसफर डिवेलपमेंट राइट्स, जॉइंट डिवेलपमेंट अग्रीमेंट, लीज जैसे मामलों में टैक्स रियायतें दी गई हैं, लेकिन इंडस्ट्री का सवाल है कि अगर यह छूट लेने के बाद इन्वेंटरी रह जाती है और वह मकान 12 फीसदी जीएसटी पर बिकता है तो चीजें कैसे अजस्ट होंगी?