रियल एस्टेट क्षेत्र की पट्टे पर दी गई वाणिज्यिक संपत्तियों पर इनपुट टैक्स क्रेडिट सुविधा की मांग

punjabkesari.in Sunday, Jan 17, 2021 - 04:59 PM (IST)

नई दिल्लीः रियल एस्टेट क्षेत्र ने पट्टे पर दी जाने वाली व्यावसायिक संपत्ति के विकास के समय इस्तेमाल में लाए गए सीमेंट, इस्पात जैसे कच्चे माल पर इनपुट टैक्स की सुविधा देने की मांग की है। रियल एस्टेट उद्योग का कहना है कि व्यावसायिक संपत्ति के किराए से होने वाली आय के कर में इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा मिलनी चाहिए। 

रियल एस्टेट उद्योग की तरफ से बजट से पूर्व दिये गये सुझावों में रविवार को कहा गया कि इस कदम से भारत को सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), स्टार्टअप, रियल्टी कंपनियां और परामर्शदाता जैसे क्षेत्रों में बढ़त को बनाए रखने में भी मदद मिलेगी। उद्योग संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए दिए गए सुझाव में केंद्रीय माल एवं सेवा कर (सीजीएसटी) अधिनियम की धारा 16 और धारा 17(5) में संशोधन करने की मांग की, ताकि रियल एस्टेट कंपनियां निर्माण के दौरान वस्तुओं व सेवाओं की खरीद पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठा सकें। संगठन ने कहा कि आईटीसी नहीं मिलने से रियल एस्टेट डेवलपरों की पूंजी अटकती है। 

सीआईआई ने कहा, ‘‘संपत्तियों को व्यावसायिक किराए पर देने या मॉल में आउटलेट पट्टे पर देने में किराए पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है। निर्माण के दौरान आईटीसी नहीं मिलने से निर्माण की लागत बढ़ती है और कार्यशील पूंजी का नुकसान होता है। इसका असर पूरी आपूर्ति श्रृंखला पर होता है। टाटा रियल्टी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (एमडी) एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) संजय दत्त ने कहा कि जीएसटी के मौजूदा प्रावधानों के तहत निर्माण के चरण के दौरान इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलता है। हालांकि, निर्माण की लागत को कम करने के लिए इसका लाभ दिया जाना चाहिए।''  


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jyoti choudhary

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