DBT के तहत 3 साल में बचाए गए 50,000 करोड़ रुपए

punjabkesari.in Monday, Feb 20, 2017 - 03:17 PM (IST)

नई दिल्लीः पिछले तीन सालों में ताजा आंकड़ों के अनुसार प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) ने 50,000 करोड़ रुपए के स्तर को छुआ है। यह राशि इस वित्तीय वर्ष में डीबीटी के तहत भुगतान की गई सब्सिडी के बराबर है। इसका मतलब लगभग एक साल की सब्सिडी बचाने के बराबर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों के अनुसार डीबीटी तंत्र के तहत 64 मंत्रालयों में 533 केंद्रीय योजनाओं लाने का प्रस्ताव है जिससे अगले वित्तीय वर्ष में बचत आंकड़ों में वृद्धि होगी।

इतने पैसे बचाए गए
वर्तमान में, 17 मंत्रालयों में 84 योजनाओं डीबीटी के अंडर हैं। एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार हर बार केवल बड़े घोटालों और कई लाख करोड़ रुपयों के नुकसान के बारे में बोला जाता है। लेकिन अब कोई घोटाला नहीं है, इसके बजाय हमने लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे सब्सिडी राशि को जमा करने और धोखेबाज लाभार्थियों को नष्ट करने से लगभग 50,000 करोड़ रुपए को बचाया है। लगभग 33 करोड़ लोगों को डीबीटी के माध्यम से सब्सिडी अब उनके बैंक खातों में सीधे प्राप्त होती है।

2013 में शुरु हुई थी स्कीम
यूपीए के तहत डीबीटी स्कीम 2013 में शुरू की गई थी। मोदी सरकार के तहत यह एक प्रमुख रास्ते पर चला गया जब नवंबर 2014 में एलपीजी सब्सिडी स्कीम (पहल) शुरु की गई थी। एक अधिकारी के अनुसार "हमने डीबीटी के तहत 2014-15 में 15,192 करोड़ रुपए बचाए, 2015-16 में 20,951 करोड़ रुपए और 31 दिसंबर, 2016 तक 14,000 करोड़ रुपए बचाए हैं।"

यह योजनाएं होने वाली हैं शामिल
कैग के अनुसार सरकार ने यह मान लिया था कि 3.11 करोड़ या निष्क्रिय ग्राहकों ने 12 सब्सिडी वाले सिलेंडरों का लाभ उठाया है जबकि सिलेंडरों की प्रति व्यक्ति खपत राष्ट्रीय औसत प्रति के रूप में केवल 6 सिलेंडर है। अगले साल तक  डीबीटी के तहत नई योजनाएं जैसे प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में शामिल होंगे।


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