CVC रिपोर्ट पर देते ध्यान तो नहीं होता 13,600 करोड़ रुपए का PNB घोटाला

punjabkesari.in Monday, Apr 09, 2018 - 10:57 AM (IST)

नई दिल्लीः पंजाब नेशनल बैंक में 13,600 करोड़ रुपए के घोटाले के सामने आने से एक साल पहले ही केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने रत्न और आभूषण क्षेत्र की अनियमितताओं को लेकर बैकों को आगाह किया था। सीवीसी की वार्षिक रिपोर्ट 2017 के अनुसार आयोग ने 5 जनवरी 2017 को सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारियों और पीएनबी सहित 10 प्रमुख बैंकों के मुख्य सतर्कता अधिकारियों के साथ बैठक की थी। जिसमें कुछ ज्वैलरी कंपनियों खासतौर से जतिन मेहता के विनसम ग्रुप के खातों की अनियमितताओं के बारे में बातचीत की गई थी। लेकिन इस रिपोर्ट पर कोई खास ध्यान नहीं दिया गया।

CVC ने दी थी खतरे की सूचना
सीवीसी की रिपोर्ट पीएनबी के वरिष्ठ प्रबंधन के तरफ से की गई चूक पर ध्यान केंद्रित करती है। सतर्कता आयोग के कमिश्नर केवी चौधरी के अनुसार बैठक खासतौर से विनसन ग्रुप के जतिन मेहता द्वारा बैंकों में किए गए फ्रॉड पर बातचीत करने के लिए बुलाई गई थी। बैठक में अन्य आभूषण कंपनियों द्वारा धोखाधड़ी से जुड़े कई मुद्दों पर भी चर्चा हुई थी। उस समय हालांकि मेहुल-मोदी के फ्रॉड की बात सामने नहीं आई थी लेकिन पीएनबी उन बैंकों में सबसे आगे था जिसने मेहता को कर्ज दिया था।

क्या है पीएनबी मामला
बता दें कि इस समय पीएनबी को नीरव मोदी और मेहुल चोकसी द्वारा किए गए घोटाले से जूझना पड़ा रहा है। दोनों ने कुछ बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर गैर-कानूनी तरीके से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग को रिन्यू करवाया। दोनों ही अपने परिवार के साथ जनवरी के पहले हफ्ते में विदेश चले गए। उनके देश छोड़ने के बाद उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ। 


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Supreet Kaur

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