Credit Card का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा, Rupay क्रेडिट कार्ड UPI से ट्रांजैक्शन हुआ दोगुना

punjabkesari.in Wednesday, Dec 04, 2024 - 02:37 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 के पहले 7 महीनों में Rupay Credit card पर UPI के जरिए लेनदेन वित्त वर्ष 2024 की समान अवधि की तुलना में लगभग दोगुना हो गया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल अप्रैल-अक्टूबर तक 63,825.8 करोड़ रुपए की राशि के 750 मिलियन से अधिक ऐसे लेनदेन हुए। वहीं, वित्त वर्ष 2024 में, UPI रुपे क्रेडिट कार्ड लेनदेन 362.8 मिलियन दर्ज किए गए, जिनका क्युमुलेटिव मूल्य 33,439.24 करोड़ रुपए था। वित्त वर्ष 2025 के पहले सात महीनों में बीते वर्ष की समान अवधि के मुकाबले दोगुना से ज्यादा लेनदेन हुए हैं। इसी के साथ माना जा रहा है कि वित्त वर्ष 2025 के लिए यह आंकड़ा काफी ज्यादा बढ़ने वाला है।

सितंबर में शुरू हुई थी सुविधा

रुपे क्रेडिट कार्ड पर UPI लेनदेन की सुविधा को सरकार ने सितंबर 2022 में शुरू किया था। रुपे क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स UPI ऐप की मदद से अपने लेन-देन कार्ड के जरिए कर सकते हैं। वित्त मंत्रालय के राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद के ऊपरी सदन में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, "टियर-2 और उससे नीचे के क्षेत्रों में फाइनेंशियल इंक्लूशन को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर कई पहल की गई हैं। ऐसी ही एक पहल UPI से जुड़े रुपे क्रेडिट कार्ड की शुरुआत है, जो UPI भुगतान करने वाले यूजर्स को क्रेडिट सुविधा के अतिरिक्त अवसर प्रदान करता है।"

जीरो रहेगा डिस्काउंट

छोटे व्यापारियों के लिए 2,000 रुपए तक के लेनदेन के लिए UPI से जुड़े रुपे क्रेडिट कार्ड पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) और इंटरचेंज शुल्क शून्य रहेगा। मर्चेंट डिस्काउंट रेट पेमेंट प्रोसेसिंग कंपनियों द्वारा व्यापारियों से किसी विशेष क्रेडिट या डेबिट को प्रोसेस करने पर लिया जाता है। यूजर्स के सेविंग अकाउंट से जुड़े UPI लेनदेन पर शून्य एमडीआर नीति का पालन किया जाता है।

वित्त वर्ष 25 में 25 अरब

इसके अलावा, UPI के बढ़ते इस्तेमाल के साथ माना जा रहा है कि वित्त वर्ष 2025 में UPI लेनदेन की संख्या 25 अरब प्रति माह तक पहुंच जाएगी। अक्टूबर 2024 में 16.58 अरब लेनदेन और 23.50 लाख करोड़ रुपए के मूल्य के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद, नवंबर में UPI लेन-देन की संख्या सालाना आधार पर 38 प्रतिशत वृद्धि के साथ 15.48 अरब रही, जिसका मूल्य सालाना आधार पर 24 प्रतिशत वृद्धि के साथ 21.55 लाख करोड़ रुपए रहा।


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Content Writer

jyoti choudhary

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