11 कोल ब्‍लॉक के ई-ऑक्‍शन पर CAG ने उठाए सवाल

punjabkesari.in Tuesday, Jul 26, 2016 - 06:07 PM (IST)

नई दिल्लीः नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने राजग सरकार के कार्यकाल में पिछले साल कोयला ब्लाकों की ऑनलाइन नीलामी के पहले 2 दौर में खामी निकाली है। उसका कहना है कि इनमें 11 ब्लाकों के मामले में जिस तरह कम्पनी समूहों ने अपनी संयुक्त उद्यम कम्पनियों या समूह की अनुषंगियों के जरिए एक से अधिक बोलियां पेश की थीं उससे यह भरोसा नहीं होता कि इन दो दौर में प्रतिस्पर्धा का संभावित स्तर हासिल हो गया। इन 2 चरणों में कुल 29 कोयला खानों की सफल नीलामी हुई थी। 

 

कोयला खानों की आनलाइन (ई) नीलामी पर कैग की संसद में पेश ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि इन नीलामियों में 11 कोयला ब्लाक की में कम्पनी समूहों ने अपनी अनुषंगी कम्पनियों या संयुक्त उद्यमों के जरिए एक से अधिक बोलियां लगाई। एेसे में उसकी राय है कि होसकता है इससे प्रतिस्पर्धा बाधित हुई हो।  

 

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘आडिट में यह भरोसा नहीं जगा कि पहले 2 चारों में 11 कोयला खानों की नीलामी में प्रतिस्पर्धा का संभावित स्तर हासिल हो गया होगा।’ इसके अनुसार एेसे परिदृश्य में जबकि मानक टेंडर दस्तावेज (एस.टी.डी.) के तहत संयुक्त उद्यम की भागीदारी की अनुमति दी जाती है और साथ ही ई-नीलामी में भाग लेने वाली क्यूबी की संख्या सीमित की जाती है तो आडिट में यह कहीं आश्वासन नहीं मिलता कि पहले दो चरणों में नीलाम हुई उक्त 11 कोयला खानों की बोली के दूसरे चरण में प्रतिस्पर्धा का संभातिव स्तर हासिल किया गया था। इसके अनुसार कोयला मंत्रालय ने नीलामी के तीसरे चरण में संयुक्त उद्यम भागीदारी संबंधी उपबंध में संशोधन किया था ताकि भागीदारी बढाई जा सके। 

 

वहीं आधिकारिक सूत्रों ने इस रपट पर प्रतिक्रिया में कहा कि केवल 6 फीसदी क्यूबी ही संयुक्त उद्यम कम्पनियां थी और सफल बोलीदाताआें में केवल एक ही संयुक्त उद्यम कम्पनी थी जो कि इस बाद का स्पष्ट संकेत है कि उक्त प्रावधान से प्रतिस्पर्धा सीमित नहीं हुइ। सूत्रों के अनुसार दिल्ली उच्च न्यायालय ने नीलामी के इस प्रावधान को सही ठहराया था।  

 


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