3 साल के निचले स्तर पर पहुंचा चना

punjabkesari.in Thursday, Dec 14, 2017 - 01:14 PM (IST)

नई दिल्लीः चने में गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है। चना वायदा में बिकवाली पर पांच फीसदी के स्पेशल मार्जिन के बावजूद गिरावट बरकरार है। वायदा बाजार में चने के दाम 4,000 रुपए प्रति क्विंटल के नीचे पहुंच गए हैं। रिकॉर्ड बुआई के कारण मंडियों में चना बेदम हो चुका है। हाजिर और वायदा बाजार में चने के दाम गिरकर 32 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। समर्थन मूल्य से कम दाम पर चना बिकने से सरकार पर भी दबाव बनने लगा है।

चने में गिरावट का दौर 
पिछले तीन महीने से चने में गिरावट का दौर चल रहा है। तीन महीने पहले 6,000 रुपये क्विंटल की दर से बिकने वाला चना हाजिर बाजार में गिरकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के नीचे पहुंच गया है। इस सत्र के लिए चने का एमएसपी 4,200 रुपए क्विंटल तय किया गया है जबकि हाजिर बाजार में चने के दाम गिरकर 4,000 रुपए क्विंटल पहुंच चुके हैं। वायदा बाजार में तो और बुरा हाल है। एनसीडीईएक्स पर चना गिरकर चार हजार के नीचे 3,970 रुपये क्विंटल तक पहुंच गया है। यह 3,980 रुपये पर बंद हुआ। वायदा बाजार में इसके पहले 22 अप्रैल 2015 को चने का मूल्य 4,000 रुपये के नीचे (3,967 रुपये) था।

कीमतों में गिरावट को रोकने के लिए एनसीडीईएक्स ने बिकवाली पर पांच फीसदी का स्पेशल मार्जिन लगाया है। बावजूद कीमतों में गिरावट जारी है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल अप्रैल से सितंबर के बीच 4.78 लाख टन चने का आयात किया गया जो पिछले साल से 43 फीसदी अधिक है। इससे बाजार में पर्याप्त स्टॉक है और आगे बेहतर उत्पादन होने के आसार हैं। ऐसे में कीमत बढऩा मुश्किल है।

कृषि मंत्रालय के अनुसार 8 दिसंबर तक देशभर में 89.58 लाख हेक्टेयर में चने की बुआई हुई है, जो पिछले साल से 10.25 फीसदी अधिक है। पिछले साल 8 दिसंबर तक देश में 81.25 लाख हेक्टेयर में चने की बुआई हुई थी। रबी सीजन के दौरान चने का कुल अनुमानित रकबा 86.81 लाख हेक्टेयर है यानी बुआई अनुमानित रकबे से भी ज्यादा हो चुकी है। 
 


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