CCI ने रिलायंस और डिज्नी के 71,195 करोड़ रुपए के मर्जर पर उठाए सवाल
punjabkesari.in Wednesday, Aug 21, 2024 - 12:19 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः रिलायंस मीडिया (Reliance Media) और वॉल्ट डिज्नी (स्टार) मीडिया के विलय पर पेच फंस गया है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने 71,195 करोड़ रुपए के इस विलय पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि इसका उद्देश्य बाजार में एकाधिकार स्थापित करना है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने मई में वायकॉम-18 और डिज्नी (स्टार) मीडिया के विलय के लिए CCI से मंजूरी मांगी थी।
सीसीआई ने इस विलय के खिलाफ कुछ सवाल उठाए हैं और आशंका जताई है कि इससे प्रतिद्वंद्वियों को नुकसान होगा। दोनों कंपनियों के पास क्रिकेट के प्रसारण के लिए अरबों डॉलर के अधिकार होंगे, जिससे अधिक मूल्य वसूले जाने और विज्ञापनदाताओं पर मजबूत पकड़ की संभावना बढ़ जाती है। सीसीआई ने कंपनियों को जवाब देने और अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए 30 दिन का समय दिया है।
माना जा रहा है कि कंपनियां अधिक रियायतें देकर सीसीआई की चिंताओं को दूर कर सकती हैं। इस विलय के बाद, यह भारतीय मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र की सबसे बड़ी फर्म बन जाएगी, जिसके पास अलग-अलग भाषाओं में 100 से अधिक चैनल, दो प्रमुख ओटीटी प्लेटफॉर्म और देशभर में 75 करोड़ का ग्राहक आधार होगा।
पहले भी पूछे गए थे करीब 100 सवाल
सीसीआई ने रिलायंस और डिज्नी (स्टार) के विलय को लेकर लगभग 100 सवाल पहले भी पूछे थे। अब सीसीआई ने कंपनियों से पूछा है कि विलय पर जांच का आदेश क्यों नहीं दिया जाना चाहिए। इस पर अभी तक कंपनियों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। सीसीआई ने पहले भी रिलायंस और डिज्नी से विलय से संबंधित कई सवाल किए थे, और कंपनियों ने जवाब में कहा था कि वे अपनी चिंताओं को दूर करने के लिए कुछ टेलीविजन चैनल बेचने को तैयार हैं।
इस विलय के बाद, रिलायंस को ज्वॉइंट वेंचर पर नियंत्रण मिलेगा, जो भारतीय मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में एक प्रमुख ताकत बनेगा।
अगर दोनों कंपनियों का विलय वजूद में आता है तो ज्वॉइंट वेंचर पर रिलायंस इंडस्ट्रीज का नियंत्रण होगा। उसके पास 16.34 प्रतिशत, रिलायंस की सब्सिडयरी वायकॉम-18 के पास 46.82 प्रतिशत और डिज्नी के पास 36.84 प्रतिशत स्वामित्व होगा। नए वेंचर की कमान नीता अंबानी के पास होगी, जबकि उदय शंकर उपाध्यक्ष होंगे।